Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घना कोहरा की चपेट में जिला, हवा से बढ़ी ठंड

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 11 Dec 2020 05:26 PM (IST)

    गोड्डा लगातार शीतलहर और ठंड का प्रकोप बढ़ने से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो रहा ह

    Hero Image
    घना कोहरा की चपेट में जिला, हवा से बढ़ी ठंड

    गोड्डा : लगातार शीतलहर और ठंड का प्रकोप बढ़ने से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो रहा है। बीते तीन दिनों से रात में घना कोहरा छाए रहने के कारण सड़कों पर आवाजाही करने वाले वाहन भी अब कम दिख रहे हैं। बीते बुधवार को जिले के मेहरमा थाना क्षेत्र में अहले सुबह घना कोहरा के कारण एक महिला को हाइवा ने अपनी चपेट में ले लिया था। बाद में स्थानीय लोगों की सक्रियता से महिला को अस्पताल भेजा गया। शुक्रवार को भी दिन में करीब 11 बजे तक कोहरा छाया रहा। दोपहर बाद हल्की धूप खिलने के आसार लगे लेकिन बादलों ने फिर से उसे ढंक दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इधर तीन दिनों से पछुआ हवा के कारण कनकनी बढ़ी है। ठंड व शीतलहर के कारण आम लोगों की दिनचर्या भी बदल रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शुक्रवार को दिन का अधिकतम तापमान 18 डिग्री व न्यूनतम तापमान आठ डिग्री रहा है।

    लगातार तापमान में गिरावट के कारण किसानों की भी परेशानी बढ़ने लगी है। अभी रबी फसल में आलू व सब्जी की खेती करने का सही समय है। गेहूं भी अधिकतर किसानों ने लगा लिया है। गेहूं में ठंड से लाभ मिलेगी लेकिन आलू में झुलसा रोग का खतरा बरकरार रहता है। कृषि वैज्ञानिकों की ओर से शीतलहर के कारण आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाने के लिए नियमित पटवन की सलाह की दी गई है।

    इधर शहरी क्षेत्रों में ठंड के कारण लोग घरों में दुबक गए हैं। बाजार में लोगों की चहल पहल कम हो गई है। पिछले एक सप्ताह से ठंड व शीतलहर के कारण बाजार के कारोबार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ठंड व शीतलहर के बीच अब तक प्रशासनिक स्तर पर अलाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों में आक्रोश है। दिहाड़ी मजदूरों को कामकाज में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। लगातार बढ़ रही ठंड व शीतलहर के कारण बीमारियों का प्रकोप भी लगातार बढ़ रहा है। बढ़ रही ठंड को लेकर लोगों ने अलाव की व्यवस्था करने की मांग की है। कोहरा लगातार घना रहने के कारण वाहनों के परिचालन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

    --------------------------------------------

    पथरगामा में शीतलहर से जनजीवन अस्तव्यस्त

    पथरगामा : बीते चार दिनों से लगातार घना कोहरा और शीत लहरी के कारण प्रखंड क्षेत्र में काफी ठंड बढ़ गई है। इस कारण लोग अपने घरों में चूल्हा जलाकर आग तापने को विवश हैं। शुक्रवार को सोनारचक गांव में सौरभ कुमार अपने तीन वर्षीय पुत्र सार्थक सहित अन्य स्वजनों के साथ आग तापते देखे गए। बच्चे और बुजुर्ग के लिए ठंड का मौसम आम तौर पर दुखदायी होता है। इधर शीत लहरी के कारण लोग जैसे जीवन यापन कर रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी वृद्ध, गरीब एवं बच्चों को हैं। वहीं प्रतिदिन मजदूरी करने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। ग्रामीण प्रकाश दास, श्याम दास, वैभव कुमार, गौरव कुमार, रामू दुबे आदि ने प्रखंड प्रशासन से प्रखंड के सभी गांवों के चौक चौराहों पर अलाव की व्यवस्था करने की मांग की है ताकि घने कोहरे एवं शीतलहरी से लोगों को बचाया जा सके।

    ------------------------------------------ मेहरमा : बीते करीब एक सप्ताह से जारी शीतलहर और कड़ाके की ठंड से पूरे प्रखंड में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ठंड के कारण अधिकतर लोग अपने-अपने घरों में रजाई के साथ दुबके हुए हैं। सड़कें सुनी रहती है। इक्का-दुक्का लोग ही सड़क पर नजर आते हैं। सबसे अधिक परेशानी गरीब-गुरबा, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले और दैनिक मजदूरी करनेवालों को हो रही है। वहीं छोटे बच्चों को भी काफी फजीहत उठानी पड़ रही है। प्रखंड प्रशासन की ओर से अब तक कहीं भी अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इस कारण लोगों को स्वयं की व्यवस्था से अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक गरीब-असहायों के बीच कंबल का भी वितरण नहीं किया गया है। इधर क्षेत्र के लोगों न प्रखंड प्रशासन से क्षेत्र के विभिन्न चौक-चौराहों पर अलाव जलाने और कंबल वितरण की मांग की है। ललमटिया : भीषण शीतलहर से बचने के लिए ललमटिया के बसडीहा, लोहंडिया बाजार, पहाड़पुर,भेरेंडा गांव में लोग अपनी व्यवस्था से जगह-जगह अलाव जलाकर ताप रहे हैं ।पिछले 5 दिनों से एकाएक ठंड का कहर काफी तेज हो जाने से यहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हालांकि इस ठंड से बचने के लिए लोग जरूरत के अनुसार ही घर से बाहर निकल रहे हैं। लगातार बढ़ती ठंड और कुहासा के कारण किसान फसलों की तैयारी को लेकर चितित भी हैं। भीषण शीतलहरी के 5 दिन बीत जाने के बाद भी प्रखंड प्रशासन की ओर से और ना ही सीएल प्रबंधन की ओर से परियोजना प्रभावित गांव के आसपास अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है ।परियोजना प्रभावित गांव के प्रबुद्ध जनों ने ईसीएल प्रबंधन एवं प्रखंड स्तर से अलाव के साथ-साथ बूढ़ा बुजुर्ग के लिए कंबल की व्यवस्था कराने की मांग की है। ताकि इस भीषण शीतलहरी से लोगों को राहत मिले।