सूर्या हांसदा के परिवार से मिले चंपाई सोरेन, कहा- शोषित और पीड़ित की आवाज थे; एनकाउंटर की CBI जांच हो
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सूर्या हांसदा के परिवार से मुलाकात कर एनकाउंटर की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सूर्या क्षेत्र के शोषितों की आवाज थे और उनकी फर्जी मुठभेड़ में हत्या की गई है। सूर्या गरीबों के मसीहा थे और बच्चों को मुफ्त शिक्षा देते थे। चंपाई सोरेन ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
संवाद सहयोगी, ललमटिया (गोड्डा)। सूर्या हांसदा पुलिस एनकाउंटर मामले को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन सोमवार को स्व सूर्या हांसदा के स्वजनों से मिलकर पूरी घटनाक्रम की जानकारी ली।
ललमटिया के डकैता स्थित स्व हांसदा के आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि सूर्या क्षेत्र के शोषितों और पीड़ितों की आवाज थे। वह क्षेत्र की अस्तित्व और अस्मिता को बचाने के लिए अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, इसलिए उनकी फर्जी एनकाउंटर कर हत्या कर दी गई।
उन्होंने कहा कि सूर्या का किसी गरीब और समाज के लोगों से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं था। वो हमेशा कंपनी ,पत्थर माफिया, खनन भू माफिया के खिलाफ आवाज उठाते थे। सरकार से जल जंगल जमीन और स्वास्थ्य और शिक्षा नीति को लेकर आवाज उठाते थे। यदि वह अपराधी होते तो गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा नहीं देते।
बच्चों के मसीहा थे सूर्या: चंपाई
उन्होंने कहा कि सूर्या ने ललमटिया के डकैता स्थित अपने आवास में अपने निजी जमीन पर चांद भैरव राजराज स्कूल खोलकर लगभग 300 बच्चों को शिक्षा देने का काम कर रहे थे। उन्होंने उन 300 बच्चों से मिलकर उनकी बातों को सुना और सूर्या हांसदा के संबंध में पूछा।
बच्चों ने कहा कि सूर्या हांसदा हम सबों के लिए मसीहा थे। हम उनके सानिध्य में रहकर पढ़ाई लिखाई कर रहे थे। अब हमारे पढ़ाई लिखाई कैसे होगी, इसका जिम्मा सरकार ले, हमारी पढ़ाई बंद नही होनी चाहिए, सूर्या हांसदा का फर्जी एनकाउंटर किया गया है। इसकी सीबीआई से जांच होना चाहिए।
उन्होंने सूर्या हांसदा का पुलिस एनकाउंटर फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा के ऊपर 25 कैसे जरूर थे, लेकिन 14 केस में उन्हें बरी कर दिया गया था। न्यायालय की ओर से पांच केस बेल पर थे।
इससे साबित होता है कि सूर्या कोई अपराधी नहीं थे। कोर्ट ने भी यह समझ गया था कि वह अन्याय के खिलाफ शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, इसलिए तो उन्हें 14 केस में बरी किया गया है।
उन्होंने कहा कि जितने झारखंड आंदोलनकारी थे, यहां के आदिवासी मूलवासी अलग राज्य के लिए मांग कर रहे थे, उनके खिलाफ भी कई आपराधिक केस किए गए थे, लेकिन उन्हें इस तरह से फर्जी एनकाउंटर कर नहीं मारा गया।
CBI जांच की मांग
चंपाई ने कहा कि सूर्या अपने क्षेत्र के लिए अपने समाज के लिए गरीबों के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनकी फर्जी एनकाउंटर के तहत हत्या की गई है, इसकी जांच केवल और केवल सीबीआई से होनी चाहिए, कोई दूसरी एजेंसी से नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासी मूलवासी सरकार से सुरक्षा की उम्मीद नहीं कर सकते, क्योंकि सरकार अब तक कोई इस घटना का संज्ञान नहीं लिया है।
सरकार ने भोगनाडी में रामेश्वर मुर्मू, जो सिद्धू कान्हू के वंशज थे, उसकी भी ऐसे ही हत्या हुई थी, अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा का फर्जी एनकाउंटर मामले का सीबीआई से जांच कर कर ही छोड़ेंगे। न्याय दिलाना हम सबों का दायित्व है।
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