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    ठंड पर भारी पड़ी आस्था की डुबकी

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jan 2020 05:53 PM (IST)

    मकर संक्रांति के अवसर पर बुधवार को हजारों श्रद्धालुओं ने निमझर तालाब के गर्म कुंड में डुबकी लगाई । निहरनी माई की पूजा अर्चना करके सपरिवार पिकनिक का आन ...और पढ़ें

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    ठंड पर भारी पड़ी आस्था की डुबकी

    पोडै़याहाट : मकर संक्रांति के अवसर पर बुधवार को हजारों श्रद्धालुओं ने निमझर तालाब के गर्म कुंड में डुबकी लगाई। निहरनी माई की पूजा अर्चना करके सपरिवार पिकनिक का भी लोगों ने आनंद उठाया और मेले में जमकर मनोरंजन किया। बुधवार को अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं का जत्था पर पहुंचना शुरू हो गया था। आसपास के लोग सपरिवार पैदल तो कोई तीन पहिया वाहन, तो कोई चार पहिया वाहन तो कोई मोटरसाइकिल व साइकिल से निमझर तालाब पहुंच रहे थे। कड़ाके की ठंड और कुहासे के बीच श्रद्धालुओं ने निमझर तालाब में पवित्र स्नान किया। स्नान के बाद इमली पेड़ के नीचे स्थित निहरनी माई को नमक और काली मिर्च की भारो एवं पान फूल अर्पित कर सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की ।

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    यहां अनुसूचित जाति के हैं पुजारी : निमझर तालाब में पूजा अर्चना की जिम्मेवारी अनुसूचित या दलित समाज के गुड्डू लैया पुजारी हैं। उन्होंने कहा कि निमझर तालाब में स्नान करके निहरनी माई का जो पूजा पाठ करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है खास करके यहां चर्म रोग से लोगों को मुक्ति मिलती है। इसीलिए यहां पर नमक और काली मिर्च की भारो चढ़ाया जाता है। यही कारण है कि यहां भारी मात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है शाम तक लोग पूजा पाठ करते हैं।

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    पिकनिक सा आनंद : अहले सुबह से दोपहर 2:00 बजे तक तलाब और उसके आसपास का क्षेत्र पिकनिक स्थल की तरह लगता है । जहां श्रद्धालु स्नान और पूजा पाठ के बाद खेतों में सपरिवार टोलियों में अलग अलग बैठकर घर से लाये चूड़ा , मूढ़ी, लाई का स्वादिष्ट आनंद उठाते हैं और मकर सक्रांति मनाते हैं। यहां पर सुबह से ही केवल सब्जी बिकना शुरू हो जाता है। युवाओं के लिए मेला होता है विशेष आकर्षण का केंद्र : इस अवसर पर आयोजित दो दिवसीय मेला का पहला दिन में काफी भीड़ रहता है । खासकर के युवा और महिलाओं की भीड़ तो देखते ही बनती है। इस क्षेत्र में यह मेला काफी प्रसिद्ध है। दूर-दूर से लोग मेला पहुंचते हैं। यहां घर के जरूरत का सभी सामान मिलता है।

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    दो दिनों तक पुलिस करती है यहां कैंप : गांव से बाहर मैदान में मेला रहने के कारण असामाजिक तत्वों का खतरा बना रहता है । जिसके कारण पुलिस यहां 2 दिनों तक कैम्प करती है और चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था रखती है । इस संबंध में थाना प्रभारी ने कहा कि इस बार भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी और किसी भी असामाजिक तत्वों को मेला में फटकने नहीं दिया जाएगा।