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    Godda News: गोड्डा के 244 आदिवासी गांवों की बदलेगी दशा, रोडमैप तैयार

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 01:27 AM (IST)

    गोड्डा जिले के 244 आदिवासी गांवों की दशा बदलने के लिए आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया गया है। जनजातीय कार्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुष्मिता सेन गुप्ता ने दलदली गांव में आदि कर्मयोगी सेवा केंद्र का उद्घाटन किया। इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में समावेशी विकास करना बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना और सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।

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    फीता काटकर उदघाटन करती संयुक्त सचिव। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, गोड्डा। आदि कर्मयोगी अभियान के तहत गोड्डा जिले के 244 गांवों की दशा बदलने की तैयारी है। इन गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक आबादी आदिवासी समाज की है।

    जिले के अत्यंत पिछड़े गांवों में शुमार ये गांव कुपोषण, शिक्षा के साथ ही मूलभूत नागरिक सुविधाओं से वंचित हैं।

    आदि कर्मयोगी अभियान की तैयारियों की समीक्षा के सिलसिले में जनजातीय कार्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुष्मिता सेन गुप्ता गोड्डा पहुंची। उन्होंने बुधवार को सदर प्रखंड की रानीडीह पंचायत के दलदली गांव में आदि कर्मयोगी सेवा केंद्र का उद्धघाटन किया।

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    उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी के माध्यम से आदिवासी बहुल क्षेत्रों में समावेशी विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को ससमय धरातल पर उतारा जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन को अहम जिम्मेदारी दी गई है।

    उन्होंने अभियान की महत्ता से आदिवासी समाज को अवगत कराया। साथ ही दलदली गांव के प्रधान सहित अन्य जनजातीय परिवारों के साथ संवाद भी किया।

    उन्होंने कहा कि यह अभियान आदिवासी गांवों के बुनियादी ढांचों को नया आयाम देगा। इसके लिए रोड मैप तैयार कर लिया गया है। केंद्र सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। आदिवासी तथा पहाड़िया परिवार के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा।

    इस दौरान गोड्डा बीडीओ दयानंद जायसवाल को संयुक्त सचिव ने योजनाओं को धरातत प उतारने के लिए दिशा निर्देश दिया। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

    दो अक्टूबर तक संबंधित गांवों में उपयोगी योजनाओं के चयन के लिए ग्रामसभा होगी। इसके बाद चिह्नित 244 गांवों में विकास की योजनाएं आकार लेगी। आदि कर्मयोगी सेवा केंद्र सिंगल विंडो सिस्टम से काम करेगा। जनजातीय परिवारों को सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। ग्रामीणों को बीडीओ-सीओ के कार्यालय का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।

    क्या है आदि कर्मयोगी अभियान

    जनजातीय गौरव वर्ष 2025 के तहत केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया है। यह देश के 550 जिलों के एक लाख आदिवासी गांवों में 20 लाख से अधिक आदि कर्मयोगियों को संगठित कर जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और उत्तरदायी शासन सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय अभियान है।

    इसका उद्देश्य 11 करोड़ जनजातीय आबादी के जीवन में परिवर्तन लाना है, जमीनी स्तर पर नेतृत्व विकसित करेगा और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक पहुंचाने में मदद करना है।

    समुदाय के भीतर नेतृत्वकर्ताओं और परिवर्तन के उत्प्रेरकों का कैडर तैयार करना और सरकार और जनजातीय समुदायों के बीच एक सेतु के रूप में काम करना, जिससे हर आवश्यक सरकारी योजना का लाभ उन तक पहुंच सके।

    इसमें स्थानीय स्वयंसेवकों, शिक्षकों, डॉक्टरों, महिलाओं और पारंपरिक सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।

    केंद्र, राज्य, जिला, प्रखंड से लेकर गांव स्तर पर आदि कर्मयोगियों का नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इसमें जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण भी होगा। प्रत्येक चिह्नित गांवों में आदि कर्मयोगी सेवा केंद्र खोल कर स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और अन्य योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिलाया जाएगा।