नाम जप से अष्ट सिद्धियों की प्राप्ति संभव
निज प्रतिनिधि, गोड्डा : भक्ति योग का आरंभ जप से होता है। मंत्र जप से ब्रह्मा, विष्णु, महेश तथा अन्य सभी देवगण वशीभूत हो जाते है। जो साधक मन लगाकर नाम जप करते है वे अष्ट सिद्धियां को प्राप्त कर लेते है। नाम जपने से सभी कुसंकट मिट जाते है। योग करने वाले योगी लोग नाम जप से ही योग का आरंभ करके माया के प्रपंच से जगते है। ईश्वर बाचक कोई शब्द हो उसको बार-बार श्रद्धा विश्वास से जपना चाहिए। भगवान श्री राम ने भी शबरी को कहा था-' मंत्र जप मम दृढ़ विश्वासा'। शास्त्र में करोड़ों पूजा के बराबर एक स्त्रोत को माना गया है और करोड़ स्त्रोत के समान जप को माना है। 'पूजा कोटि समं स्तोत्रं, स्तोत्र कोटि समं जप:' ॥
उक्त बातें स्वामी गुरुनंदन बाबा ने मंगलवार को स्थानीय महर्षि मेंहीं ट्रस्ट परिसर में नवनिर्मित महिला ध्यानाभ्यास कक्ष के उद्घाटन के उपरांत नवरात्र के अवसर पर आयोजित ध्यानाभ्यास शिविर के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जप कई प्रकार के हैं। जिनमें वाचिक जप-मुंह से बोलकर जपा जाता है और दूसरा है उपांशु जप- जिसे जप करने वाला सुन सकता है। तीसरा मंत्र है श्वांस जप- जिसमें प्रत्येक श्वास पर मंत्र जप किया जाता है। चौथा जप मानस जप है। मानस जप को मन जपा जाता है। इसके अलावा बासुदेव बाबा, ओम प्रकाश मंडल, रामानंद गुप्त, जगदीश पंजियारा आदि ने भी विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में गरगी फरियत, शालिग्राम बैद्य, रामजी साह, रामकुंड रामदास, रमेश रामदास , आदि की भूमिका सराहनीय रही।
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