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    आदिवासी स्कूल के बच्चे सरकारी लाभ से वंचित, नहीं मिलता है एमडीएम, साइकिल, पोशाक और किताबों का लाभ

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 03:02 PM (IST)

    गिरिडीह के बिरनी में स्थित एक आवासीय आदिवासी उच्च विद्यालय में छात्रों को दो दशकों से सरकारी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। लगभग एक हजार छात्र एमडीएम साइकिल पोशाक और किताबों से वंचित हैं। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता के कारण छात्रों को परेशानी हो रही है। स्कूल को अनुदान राशि मिलती है फिर भी छात्रों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।

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    इस आदिवासी स्कूल में न एमडीएम न साइकिल न पोशाक

    सकलदेव पंडित, बिरनी(गिरिडीह)। बिरनी अंचल के प्रसबनी में प्रस्तावित आवासीय आदिवासी उच्च विद्यालय है. इस स्कूल के करीब एक हजार बच्चों के लिए विडंबना है कि दो दशक से छात्र-छात्राओं को सरकार की तरफ से एमडीएम, साइकिल, पोशाक व किताबें नहीं मिलती, इसकी न कोई सुध लेने वाला है और न कोई जवाब देने वाला। जनप्रतिनिधि भी बच्चों को सरकारी लाभ दिलाने के प्रति उदासीन बने हुए हैं।

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    विद्यालय में कक्षा एक से लेकर 10वीं कक्षा तक कि पढ़ाई होती। यह स्कूल सरकार व विभाग से मान्यता प्राप्त है। इस विद्यालय में करीब 1000 हजार बच्चों का नामांकन है। सत प्रतिशत बच्चे प्रतिदिन उपस्थित होते है। स्कूल को सरकार व विभाग से हर साल अनुदान राशि मिलती है।

    इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे को एमडीएम, किताब, साइकिल, पोशाक नहीं मिलता। इस पर किसी भी जनप्रतिनिधियों व विभाग के अधिकारियों ने अब तक ध्यान नहीं दिया। जबकि सरकार का निर्देश है कि कोई भी स्कूल के बच्चे एमडीएम से वंचित नहीं रहे।

    विद्यालय कक्षा एक से लेकर आठवीं के बच्चे को दोपहर में एमडीएम भोजन तो दूर अतिरिक्त पौष्टिक आहार में अंडा व फल भी नसीब नहीं हो रहा है। स्कूल के बच्चे सुधीर यादव , रोशन वर्मा, अजय यादव , विक्रम यादव, सचिन वर्मा , आफताब अंसारी, पप्पू यादव आदि ने कहा प्रतिदिन स्कूल आते है। पढ़ाई अच्छी होती है। सरकार की ओर से मिलने वाला सारी सुविधा से वंचित है।

    शिक्षा विभाग से समय-समय पर जांच करने अधिकारी पहुंचते हैं। उनसे भी कहते है कि सरकार से मिलने वाले सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। अधिकारी आश्वासन देकर निकल जाते हैं। जबकि स्कूल को हर साल करीब सात लाख अनुदान राशि मिलती है।

    चारदीवारी की भी मांग

    स्कूल में 20 कमरे है। स्कूल की छह एकड़ जमीन है। चारदीवारी नहीं रहने से बच्चों को व शिक्षकों को पठन-ठन में काफी समस्या होती है। सरकार के तरफ से मिलने वाली सुविधाएं बच्चों केा मिलना चाहिए।

    सरकारी विद्यालय की तरह भी प्रस्तावित आवासीय आदिवासी उच्च विद्यालय के बच्चों को सारी सुविधा मिलनी चाहिए। इस विद्यालय में गरीब मजदूर किसान के बच्चे पढ़ते हैं। बच्चों को सुविधा नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। विभाग बच्चों को सारी सुविधाएं दिलाए।

    चौंगाखार के पूर्व मुखिया राम लखन वर्मा कहा कि इस विद्यालय में विभाग से सरकारी भवन बना है। विद्यालय को अनुदान राशि प्राप्त है। बच्चों को सरकारी सुविधा नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। करीब एक हजार बच्चे सरकारी लाभ जैसे पोशाक, किताब, साइकिल, एमडीएम आदि से वंचित है। विभाग इसे संज्ञान ले।

    बीईईओ बिरनी अशोक कुमार ने कहा कि कल्याण पदाधिकारी से बात कर स्कूल के बच्चों को सरकारी लाभ दिलाया जाएगा। एमडीएम के लिए वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया जाएगा। वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर जल्द ही एमडीएम की सुविधा कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चों को दिलाई जाएगी। पता किया जाएगा कि स्कूल के बच्चों को सरकारी लाभ क्यों नहीं मिल रहा।