आदिवासी छात्रा की दुष्कर्म के बाद नृशंस हत्या, गुलाम मोहीउद्दीन पकड़ा गया, सरिया में तनाव
गिरिडीह में 15 वर्षीय आदिवासी छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव बराकर नदी में फेंका गया। आरोपी गुलाम मोहीउद्दीन को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसके कपड़े नदी किनारे मिले। दूसरे समुदाय से होने के कारण क्षेत्र में तनाव। पुलिस पूछताछ कर रही है शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। विधायक ने कड़ी सजा की मांग की।

जागरण संवाददाता, (सरिया) गिरिडीह। गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड में एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। एक 15 वर्षीय आदिवासी छात्रा, जो कक्षा आठ में पढ़ती थी, की दुष्कर्म के बाद नृशंस हत्या कर दी गई।
रविवार को बराकर नदी में उसका शव तैरता मिला। जिसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। इस जघन्य अपराध का मुख्य आरोपी बिरनी थाना क्षेत्र के थोरिया गांव का गुलाम मोहीउद्दीन पुलिस की गिरफ्त में है। आरोपी के दूसरे समुदाय से होने के कारण क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
मासूम का आखिरी सफर
शनिवार दोपहर करीब 12 बजे, यह मासूम अपने माता-पिता से बराकर नदी में स्नान करने की बात कहकर घर से निकली। उसी दौरान गुलाम मोहीउद्दीन उनके घर पहुंचा और खाने की मांग की।
परिवार ने उसे बताया कि घर में कोई नहीं है और बच्चे नदी पर गए हैं। इसके बाद वह चला गया। माता-पिता साप्ताहिक हाट-बाजार के लिए निकल गए। जब वे लौटे, तो उनकी बेटी घर पर नहीं थी।
चिंतित परिवार ने तलाश शुरू की, तो नदी किनारे बेटी के कपड़े मिले। पास ही में गुलाम मोहीउद्दीन की शर्ट और पैंट भी पड़ी थी।
रातभर की खोजबीन के बाद रविवार सुबह 6 बजे से फिर तलाश शुरू हुई। नदी में घाट से कुछ दूर उनकी बेटी का शव मिला। शव पर चोट के निशान साफ तौर पर दिख रहे थे।
साक्ष्यों ने खोली सच्चाई
घटनास्थल पर मिले गुलाम के कपड़े और नदी किनारे मौजूद कुछ लोगों की गवाही ने इस अपराध की परतें खोल दीं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गुलाम मोहीउद्दीन किशोरी को नदी की ओर ले गया था।
स्वजनों का आरोप है कि उसने दुष्कर्म के बाद हत्या की और साक्ष्य छिपाने के लिए शव को नदी में फेंक दिया।
पिता का कहना है, "हमारी बेटी के साथ गलत किया गया। गुलाम ने ही यह जघन्य अपराध किया, और सबूत मिटाने के लिए शव नदी में बहा दिया।"
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
शिकायत मिलते ही भरकट्टा ओपी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। गुलाम मोहीउद्दीन को उसके गांव से छापेमारी कर दबोचा गया और उसे सरिया थाने लाया गया, जहां उससे गहन पूछताछ चल रही है।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। एसडीपीओ धनंजय राम ने कहा कि स्वजनों की शिकायत पर आरोपी को हिरासत में लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
सांप्रदायिक तनाव की स्थिति
आरोपी के दूसरे समुदाय से होने के कारण क्षेत्र में तनाव की स्थिति है। ग्रामीणों में गुस्सा भड़क उठा है, और वे कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
बगोदर विधायक नागेंद्र महतो और पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने इस क्रूर कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "यह अमानवीय कृत्य समाज के लिए शर्मनाक है।
दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पुलिस को सभी संलिप्त लोगों को गिरफ्तार करना होगा।"
बेटियों की कैसे हो सुरक्षा
यह घटना एक बार फिर समाज के सामने कई सवाल खड़े करती है। एक मासूम, जो अपनी पढ़ाई और सपनों के साथ जिंदगी की शुरुआत कर रही थी, ऐसी त्रासदी का शिकार कैसे हो गई?
क्या हमारा समाज अपनी बेटियों को सुरक्षित रखने में नाकाम हो रहा है? यह वारदात न केवल सरिया, बल्कि पूरे झारखंड में चर्चा का विषय बन गई है।
शांति कायम रखे सामाजिक संगठन
पुलिस इस मामले को प्राथमिकता पर ले रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पूछताछ से मिलने वाली जानकारी इस केस को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
सामाजिक संगठन और स्थानीय लोग इस मामले में त्वरित न्याय की मांग कर रहे हैं। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि ऐसी वारदातों को रोकने के लिए समाज और प्रशासन को और क्या कदम उठाने चाहिए।
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