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    कंटेनरों में ठूंस-ठूंसकर बिहार से बंगाल के रास्ते बांग्लादेश तक गाेवंश तस्करी, पुलिस की कार्रवाई से तंग तस्‍कर अब बदल रहे रास्‍ता

    Updated: Wed, 03 Jan 2024 12:57 PM (IST)

    झारखंड के गिरिडीह जिले में गोवंशों की तस्करी पर नकेल कसने को चौतरफा वार किया जा रहा है। बिहार से गोवंशाें को औने-पौने दामों में खरीदकर तस्कर उन्‍हें कंटेनर में ठूंसकर जीटी रोड के माध्यम से पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश तक पहुंचाते हैं। हालांकि इन दिनों पुलिस कार्रवाई से आजिज गोवंश तस्करों ने अपने कारोबार का रास्‍ता बदल दिया है लेकिन उन्‍हें कामयाबी नहीं मिल रही है।

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    कंटेनरों में ठूंस-ठूंसकर बिहार से बंगाल के रास्ते बांग्लादेश तक गाेवंश तस्करी।

    प्रभात कुमार सिन्हा, गिरिडीह। जिले में हाल के दिनों में हुई पुलिसिया कार्रवाई के तहत बड़े पैमाने पर गोवंशों को तस्करों से मुक्त कराया गया है। इस अवैध कारोबार में बिहार का एक बड़ा गोवंश तस्कर मुन्ना खान समेत बगोदर के अमजद व डुमरी के भोला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।

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    तस्‍कर बदलने लगे हैं अपने रास्‍ते

    बिहार से गोवंशाें को औने-पौने दामों में खरीदकर ये तस्कर उसे कंटेनर समेत अन्य वाहनों में ठूंसकर जीटी रोड के माध्यम से पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश तक तस्करी करने की घटना को अंजाम दे रहे थे, लेकिन हाल के दिनों में हई पुलिस की चौतरफा कार्रवाई ने इनकी कमर तोड़ दी है।

    इस क्रम में पिछले चार माह के अंदर करीब आठ सौ गोवंशों को तस्करों के हाथ से बचाया जा सका है। इनमें डुमरी, बोदर, राजधनवार, बिरनी, सरिया, देवरी, अहिल्यापुर व गांडेय थाना क्षेत्र में पुलिस की कार्रवाई ने यह सफलता हासिल की है।

    चौतरफा पुलिसिया कार्रवाई के बाद अब तस्कर अपने मंसूबों को कामयाब करने को लेकर रास्ते बदलने लगे हैं, इसके बावजूद वे पुलिस की कार्रवाई से नहीं बच पा रहे हैं। पुलिस ने पूरी तरह से गाेवंश तस्करी के कारोबार को जिले से होकर नहीं होने देने को लेकर मुहिम छेड़ रखा है, जिसके आगे तस्करों की एक नहीं चल रही है।

    पचंबा व मधुबन में सुरक्षित रखे गए हैं मुक्त गोवंश

    तस्करी के लिए ले जाए जा रहे गोवंशों को मुक्त कराने के बाद उन्हें सुरक्षित रखा गया है। इनमें बरामद गोवंशों में से करीब 65 प्रतिशत गोवंश पचंबा गोशाला व शेष गोवंश मधुबन गोशाला में रखे गए हैं। उन्हें तस्करों से मुक्त कराने से पहले गोवंशों की स्थिति देखकर काफी रूह कांप जाती है कि किस निर्दयता के साथ इनकी तस्करी करने में तस्कर शामिल रहते हैं।

    सरगना मुन्ना हो या कारोबारी अमजद, कोई नहीं बचेगा

    एसपी ने दो टूक लहजे में कहा कि गाेवंश तस्करी में मुन्ना हो या अमजद, भोला हो या अन्य कोई और, जो भी इसमें शामिल रहेगा किसी भी हाल में पुलिस गिरफ्त में आने से नहीं बच पाएगा।

    बताया कि जिले के डुमरी क्षेत्र का रहने वाला भोला, बगोदर के हेसला का रहने वाला अमजद के अलावा अन्य अवैध गोवंश कारोबारियों का सरगना बिहार का रहने वाला मुन्ना खान है।

    मुन्ना खान के गिरोह में शामिल होकर कई कारोबारी इस अवैध कारोबार करने में जुटे हैं लेकिन इस पर नकेल कस दिया गया है और जल्द ही इन्हें भी दबोच लिया जाएगा। सभी पर प्राथमिकी दर्ज है। मुन्ना समेत अन्य अवैध कारोबारी जहां भी रहेंगे, उन्हें ढूंढ निकाला जाएगा।

    क्रूरता के साथ वाहन में ठूंसे जाने से करीब 60 गोवंशों की मौत

    जिले में पिछले कई माह से चलाई जा रही गोवंश तस्करी के खिलाफ अभियान में पुलिस लगातार सफल रह रही है। लेकिन पुलिस की ओर से बरामदगी से पहले ही कई गोवंश तस्करों की क्रूरता से ले जाए जाने के क्रम में दम भी तोड़ दिया है। इसमें करीब 55 से 60 गोवंश शामिल हैं। वाहनों में तस्कर गोवंशाें को ठूंसकर कारोबार को अंजाम देते हैं। नतीजा कई गोवंश दम तोड़ देते हैं।

    तस्करों ने निकाला है नया फार्मूला

    गोवंश तस्करों ने तस्करी को लेकर एक नया फार्मूला निकाला है ताकि पुलिस को चकमा देकर तस्करी को अंजाम दिया जा सके। इसके तहत अब गोवंश तस्कर वाहनों में सामने में दो दुधारू गाय को रख देते हैं, जबकि उसके पीछे अन्य गाय व बैल को ठूंस कर रख जाता है ताकि पुलिस अगर पकड़े भी तो सामने दुधारू गाय को देख कर छोड़ दे और तस्कर अपने मुहिम में कामयाब हो जाएं।

    ट्रांसपोर्टेशन ऑफ एनिमल रूल्स का खुलेआम उल्लंघन

    वैसे अवैध गोवंश तस्करी पूरी तरह गलत कार्य है। इसमें ट्रांसपोर्टेशन आफ एनिमल रूल्स की धारा 96 का खुलेआम उल्लंघन किया जाता है। ये तो वैसे भी पूरी तरह से अवैध है। लेकिन जो दुधारू गाय को भी एक स्थान से दूसरे स्थान वैध तरीके से ले जाते हैं, वे भी इस धारा की उल्लंघन करते हैं। गोवंशों को संरक्षित करने के लिए पशु क्रूरता संरक्षण अधिनियम भी लागू किया गया है जिसमें कई प्रकार की जानकारियां दी गई है।

    इन रास्तों का किया जा रहा था उपयोग

    गोवंश तस्करी में शामिल तस्कर वैसे तो जीटी रोड़ को ही पहले सुरक्षित रास्ता मानते थे लेकिन अब वे पुलिसिया कार्रवाई के आगे घुटने टेकते हुए रास्ते भी बदलने लगे हैं।

    इसके तहत पहले बरही होते हुए गोरहर, बगोदर, डुमरी, निमियाघाट, तोपचांची होते हुए धनबाद या कोलकाता, दूसरा रूट कोडरमा के जयनगर होते हुए बिरनी, सरिया, बगोदर, डुमरी, निमियाघाट होते धनबाद या कोलकाता जबकि इसके बाद सेरौन मोड़ होते देवरी, धनवार होते हुए छोटे रास्ते को चुना गया।

    इन सब पथों पर एक-एक कर पुलिसिया कार्रवाई से शिकंजे में आते गए। अब ये गोवंश तस्कर ब्रांच सड़कों का चयन किया है ताकि पुलिस की टीम को चकमा देते हुए अवैध करोबार में सफल हो सकें लेकिन गिरिडीह पुलिस अवैध करोबार पर लगाम लगाने को लेकीर इस कदर चाल चली है कि अवैध कारोबारियों को पुलिस के आगे मुंह की खानी पड़ रही है।

    जिले में पिछले चार माह के दौरान बरामद गोवंश, जब्त वाहन व गिरफ्तार कारोबारी का आंकड़ा

    क्रम संख्‍या थाना बरामद गोवंश जब्‍त वाहन गिरफ्तार तस्‍कर
    01 अहिल्‍यापुर 152 17 18
    02 बेंगाबाद 38 06 05
    03 जमुआ 06 01 02
    04 बिरनी  70 05 11
    05 बगोदर 176 12 22
    06 डुमरी 08 01 00
    07 पंचबा 01 01 01
    08 निमियाघाट 119 04 09
    09 तिसरी 26 06 00
    10 गावां 19 01 03
    11 देवरी 103 13 11
    12 घोड़थंबा 02 01 02

    जिले में अपराध व अवैध कारोबार को किसी भी हाल में नहीं होने दिया जाएगा। ऐसे अपराध व अवैध कारोबार में संलिप्त रहने वालों पर सीधे तौर कार्रवाई की जाएगी। अवैध कारोबारी किसी भी मुगालते में न रहें कि वे अपराध व अवैध कारोबार को अंजाम देकर पुलिस के हाथों आने से बच जाएंगे। सभी थानेदारों को भी इसके लिए सख्त हिदायत देकर रखा गया है और कोई अग इसमें काकताही बरतेंगे तो वे भी नपेंगे- दीपक कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक।

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