पारसनाथ पर्वत का दुर्गम वंदना पथ बना सुगम
मधुबन (गिरिडीह) : जैनियों के विश्वप्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ पर्वत के वंदना पथ को झारखंड सरकार
मधुबन (गिरिडीह) : जैनियों के विश्वप्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ पर्वत के वंदना पथ को झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा दुरुस्त करने का काम जारी है। तीर्थयात्रियों की सुविधा को देखते हुए विभाग द्वारा इस पर्वत के वंदना पथ पर कई जगह यात्रियों के बैठने के लिए यात्री शेड भी बनाया गया है। बारिश व गर्मी की धूप से बचने के लिए वंदना मार्ग पर फाइवर शेड भी लगाया गया है। महज पांच फीट चौड़े दुर्गम रास्ते में चलनेवाले पैदल यात्री, डोली यात्री व गोदी यात्रियों को हमेशा खतरा लगा रहता था, जिसे देखते हुए विभाग द्वारा इस पथ के दोनों तरफ मजबूत गार्डवॉल बनाया जा रहा है। इससे तीर्थयात्री बेखौफ होकर वंदना कर सकते हैं। यह पथ उबड़ खाबड़ हो चुका था व कई जगहों पर सड़क टूट चुकी थी, उसे भी दुरुस्त कर लिया गया है। पथ के हर आधे किलोमीटर पर थके हारे तीर्थयात्रियों के आराम करने के लिए छोटे बड़े शेड इस पथ की सुंदरता बढ़ा रहे हैं। बड़ौदा से आये मोहनलाल जैन पिछले बीस वर्षो से लगातार यहां की यात्रा कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहली बार उन्हें पारसनाथ पर्वत पर कुछ विकास का कार्य दिखता नजर आ रहा है। इसके पहले कभी भी आज तक उन्हें महसूस नहीं हुआ था कि इस पर्वत की ओर राज्य सरकार का भी ध्यान है जहां देश ही नहीं विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। यहां की सुंदर हरियाली को देखकर कई यात्री कहते हैं कि पर्वत के ऊपर कुछ दूरी पर राज्य सरकार द्वारा कोई ऐसा बाग बगीचा बनाया जाना चाहिए जहां वे लोग अपने पूरे परिवार के साथ घंटों बैठकर इसे देख सकें।
-डोली मजदूरों की मेहनत है काफी कठिन: पारसनाथ पर्वत के ऊपर डोली मजदूरों के कंधों पर डोली पर बैठकर वंदना से वापस आ रहे गुजरात के गांधीधाम से आये तीर्थयात्री परेश भाई की मानें तो इसमें वे डोली मजदूरों की कड़ी मेहनत का एहसान मानते हैं। कहा कि इनकी परिश्रम की पैसे से तुलना नहीं की जा सकती। आज इन डोली मजदूरों की वजह से उनकी यात्रा हो रही है।
-चंद दिन ही सोलर लाइट की रोशनी से जगमगा सका पारसनाथ:
झारखंड सरकार पर्यटन विभाग की कड़ी मशक्कत के बाद करोड़ों की लागत से पारसनाथ पर्वत सोलर लाइट की रोशनी से जगमगा उठा था। अभी चंद दिन ही इस रोशनी से वंदना पथ जगमगाया था कि अचानक वन विभाग द्वारा इस पर रोक लगा दी गई और जल्द ही इसे वहां से हटाने का आदेश जारी कर दिया गया। वाइल्ड लाइफ सेंचुरी द्वारा जारी किए गए आदेश का पालन करते हुए पर्यटन विभाग को इस प्रोजेक्ट को हटा देना पड़ा।