All India Tiger Estimation 2026 के बीच गिरिडीह में चार बाघ देखे जाने की चर्चा, दहशत में ग्रामीण
Giridih News: गिरिडीह में ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन-2026 के बीच चार बाघ देखे जाने की चर्चा है, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। वन विभाग को सूचना द ...और पढ़ें

गिरिडीह के सिमराढाब–बनपुरा गांव में दिखा बाघ जैसा जानवर। (फोटो साैजन्य)
जागरण संवाददाता, बिरनी (गिरिडीह)। All India Tiger Estimation 2026ः देश में जहां एक ओर ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन-2026 का काम चल रहा है, वहीं झारखंड के गिरिडीह जिले से आई एक खबर ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
बिरनी प्रखंड के सिमराढाब–बनपुरा गांव में शुक्रवार देर रात करीब 11 बजे बाघ जैसे दिखने वाले चार जानवरों को देखे जाने की चर्चा से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये वास्तव में बाघ थे या कोई और हिंसक वन्यजीव, क्योंकि गिरिडीह में पहले बाघ की मौजूदगी का कोई आधिकारिक दावा नहीं रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार सिमराढाब निवासी सुधीर बैठा के घर की चारदीवारी और पास के कटहल के पेड़ पर चारों जानवर बैठे हुए थे। अचानक दहाड़ जैसी आवाज सुनकर घर के लोग डर के मारे छत पर चढ़ गए।
जैसे ही उन्होंने नीचे नजर डाली, पेड़ और दीवार पर बैठे जानवरों को देखकर उनके होश उड़ गए। देखते ही देखते गांव में हल्ला मच गया। ग्रामीणों की आवाज और हलचल से घबराकर चारों जानवर अंधेरे का फायदा उठाते हुए वहां से फरार हो गए।
बताया जा रहा है कि सिमराढाब और बनपुरा गांव आपस में सटे हुए हैं और पास में ही बनपुरा जंगल स्थित है। ग्रामीणों का अनुमान है कि जानवर या तो उसी जंगल की ओर लौट गए होंगे या फिर प्रखंड कार्यालय और सिमराढाब शिव मंदिर मठ होते हुए डबरसैनी पहाड़ की दिशा में चले गए होंगे।
इस घटना के बाद गांव में भय का माहौल है। लोग रात में घर से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं और बच्चों को लेकर खास चिंता जताई जा रही है। घटना की सूचना प्रशासन और वन विभाग को दे दी गई है। हालांकि वन विभाग ने बाघ होने की खबर को अफवाह करार दिया है।
धनवार वन प्रक्षेत्र प्रभारी योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस क्षेत्र में बाघ नहीं, बल्कि लकड़बग्घा की मौजूदगी हो सकती है। उन्होंने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की है और कहा कि लकड़बग्घों को पकड़कर बड़े जंगलों में छोड़ा जाएगा।
फिलहाल सवाल यही है-गांव में दिखे जानवर बाघ थे या नहीं? लेकिन डर और दहशत की यह रात ग्रामीण लंबे समय तक नहीं भूल पाएंगे।

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