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पेंच में फंसा कबरीबाद खुली कोयला खदान का सीटीओ

बनियाडीह सीसीएल गिरिडीह एरिया के कबरीबाद खुली खदान का सीटीओ तीन साल बीत जाने के बाद भ

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 05:42 PM (IST)
पेंच में फंसा कबरीबाद खुली कोयला खदान का सीटीओ
पेंच में फंसा कबरीबाद खुली कोयला खदान का सीटीओ

बनियाडीह : सीसीएल गिरिडीह एरिया के कबरीबाद खुली खदान का सीटीओ तीन साल बीत जाने के बाद भी नहीं मिला पाया है। इसे सीटीओ नहीं मिलने से कंपनी को हर वित्तीय वर्ष में लगभग दो लाख टन कोयला उत्पादन प्रभावित हो रहा है। कोयला उत्पादन ठप रहने से जहां कंपनी को लाखों का नुकसान हो रहा है। वहीं कोलियरी का घाटा भी लगातार बढ़ता जा रहा हैं। वर्तमान में यह एरिया 160 करोड़ के घाटे में चल रहा है।

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-सीटीओ का क्या है पेंच

कबरीबाद खुली खदान के सीटीओ के लिए सीसीएल के अधिकारियों ने तीन साल से भागदौड़ कर रहे हैं। बावजूद इसके इसे सीटीओ नहीं मिल पाया है। जानकारों का कहना है कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भी सीसीएल ने सीसीएल ने शुरू में अप्लाई भी किया था, लेकिन उसने भी रिजेक्ट कर दिया। सीसीएल ने पुन : अप्लाई किया है। इतना ही नहीं यह मामला कें द्र सरकार के पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर के पास भी जा पहुंचा उन्होंने भी हरी झंडी दे दी थी।

क्या कहते है श्रमिक नेता

कबरीबाद खुली खदान को सीटीओ नहीं मिलने से कोयला उत्पादन ठप है। हर वित्तीय वर्ष सीसीएल सिर्फ ओबी हटाकर कोयला को ढक दिया जाता है। सीटीओ के अभाव में कोयला चोरी चला जाता है। कुछ कोयला माइंस में लगी आग से नष्ट हो जाता हैं। यह खेला पिछले तीन वर्षो से चल रहा है। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीसीएल को तीन वर्षो में कितना नुकसान हुआ है।

एनपी सिंह बुल्लू आरसीएम के क्षेत्रीय सचिव गिरिडीह कोलियरी

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कबरीबाद खदान को सीटीओ निर्गत नहीं होने से प्रतिदिन एक हजार टन का कोयला उत्पादन प्रभावित हो रहा है। इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर दुबे से झारखंड के मुख्यमंत्री व पर्यावरण मंत्री केंद्र सरकार प्रकाश जावेडकर से मिलकर सीटीओ निर्गत कराने की बात रखी थी। पर्यावरण मंत्री ने शीघ्र ही सीटीओ निर्गत कराने का आश्वासन भी दिया था।

ऋषिकेश मिश्र, इंटक के क्षेत्रीय अध्यक्ष गिरिडीह कोलियरी

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सीसीएल के साथ-साथ लोकल सेल के हजारों मजदूरों पर भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है। माइंस से कोयला उत्पादन नहीं होने से लोकल सेल भी तीन साल से बंद है। जिसमें हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। मजदूरों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। सीसीएल प्रबंधन की लापरवाही से इसे सीटीओ नहीं मिल रहा है।

अमित यादव, क्षेत्रीय सचिव कोल्ड फील्ड मजदूर यूनियन

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सीटीओ नहीं मिलना गिरिडीह कोलियरी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। वैसे तो सीसीएल प्रबंधन कबरीबाद माइंस में सीटीओ के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। कहा कि कबरीबाद माइंस से कोयला उत्पादन शून्य है और वहां काम करनेवाले सैकड़ों सीसीएल मजदूरों को हर माह भुगतान हो रहा है। इससे भी कंपनी को काफी नुकसान हो रहा है।

राजेश यादव, क्षेत्रीय सचिव झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन

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क्या कहते हैं पीओ

परियोजना पदाधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि कबरीबाद माइंस को सीटीओ नहीं मिलने से हर साल लगभग दो लाख टन कोयला का उत्पादन बाधित है। सीटीओ के लिए यहां के एक अधिकारी को दिल्ली भेजा जा रहा है। ताकि चालू वित्तीय वर्ष में ही इस माइंस को सीटीओ मिल सकें।


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