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    Jharkhand News: दाने-दाने को मोहताज ताजिकिस्तान में फंसे मजदूर, इंटरनेट के जरिए सरकार से लगाई घरवापसी की गुहार

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Mon, 19 Dec 2022 03:39 PM (IST)

    ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 44 मजदूर मजदूरों केंद्र और झारखंड सरकार से गुहार लगाई है कि उनकी घर वापसी को सुनिश्चित किया जाए। उनका कहना है कि उन्हें पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं दी गई है और वे दाने-दाने को मोहताज हैं।

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    ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 44 मजदूर, इंटरनेट मीडिया के जरिये वतन वापसी की लगाई गुहार।

    गिरिडीह, जागरण संवाददाता: झारखंड के 44 मजदूर अपनी कंपनी की मनमानी के कारण तजाकिस्तान में फंसे हुए हैं। कंपनी की मनमानी की वजह से मजदूर दाने-दाने को मोहताज हैं। तजाकिस्तान में फंसे इन मजदूरों ने केंद्र और राज्य सरकारों से इंटरनेट के माध्यम से मदद की गुहार लगाई है।

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    झारखंड के 44 मजदूर तजाकिस्तान में कल्पतरु कंपनी की मनमानी की वजह से मुसीबत में फंसे हुए हैं। ये सभी झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिलों से रोजगार की तलाश में कजाकिस्तान आए थे। इंटरनेट

    मीडिया के माध्यम से इन मजदूरों ने ताजिकिस्तान से वतन वापसी की गुहार लगाई है। मजदूरों ने मदद के लिए भारत और झारखंड सरकार के नाम संदेश भेजा है।

    मजदूरों का कहना है कि कल्पतरु कंपनी में ये मजदूर काम कर रहे थे। कम्पनी ने तीन महीने से इन्हें वेतन नहीं दिया है। पैसे के अभाव में वे दाने-दाने को मोहताज हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है जब दलालों के चक्कर में पड़कर गरीब तबक़े के लोग विदेशों में फंस जाते हैं। पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

    मौजूदा मामले में ये सभी कामगार आठ महीने पहले बिष्णुगढ के खरना के पंचम महतो के माध्यम से ट्रांसमिशन लाइन के लिए काम करने ताजिकिस्तान गए थे। पहले वेतन मिल रहा था। उसके बाद कंपनी कहने लगी कि काम के हिसाब से ही मजदूरी मिलेगी। पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है।

    प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकन्दर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से श्रमिकों को मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह पहली घटना नहीं है, काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं। वहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। बड़ी मुश्किल से वे वतन लौट पाते हैं, ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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