हमें जल से प्रेम करना सीखना होगा
जल संरक्षण विषय पर आरके महिला महाविद्यालय में सेमिनार का आयोजन शनिवार को किया गया। सेमिनार में सैकड़ों छात्राओं ने भाग लिया। सबों ने जल संरक्षण पर अपनी-अपनी बातें रखीं।
गिरिडीह : जल संरक्षण विषय पर आरके महिला महाविद्यालय में सेमिनार का आयोजन शनिवार को किया गया। सेमिनार में सैकड़ों छात्राओं ने भाग लिया। सबों ने जल संरक्षण पर अपनी-अपनी बातें रखीं। बलभद्र ने कहा कि पानी कौन लोग बर्बाद कर रहे हैं उसे पहचानने की आवश्यकता है। पानी का राजनीतिकरण व व्यवसायीकरण होने से यह संकट विकराल रूप ले रहा है। प्रो. लक्ष्मण राम ने जल बचाओ पर एक सुंदर कविता पाठ किया। कहा कि अभी सुबह हुआ है तब लोग जल बचाने की सोच रहे हैं। प्रो. एसके राय ने कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक जल की आवश्यकता होती है। बिना जल पिए प्राण भी नहीं छूटता। महेश अमन ने अपनी कविता के माध्यम से कहा कि हमें जल से प्रेम करना सीखना होगा क्योंकि हम जिससे प्रेम करते हैं उसे बर्बाद नहीं करते। प्राचार्या पुष्पा सिन्हा ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम जल की महत्ता को समझें तथा अपने व्यवहार में परिवर्तन करते हुए दैनिक जीवन में जल संरक्षण करें। डॉ. रश्मि मसीही ने कहा कि दैनिक जीवन में जल की उपयोगिता को समझते हुए हमें जल के प्रति सजग होने की आवश्यकता है नहीं तो जल के बिना जग जल जाएगा। डॉ. कैसर ने कहा कि सिर्फ सेमिनार करने से जल नहीं बचाया जा सकता। हमें जमीनी स्तर पर कार्रवाई करनी चाहिए तभी जल को बचाया जा सकता है। छात्राओं में आंचल, आकृति, खुशबू, श्वेता, अनूप, प्रीति, नूरी फरहाद ने अपनी बातें रखीं। मंच संचालन प्रो. बलभद्र सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो.आरती सिन्हा ने किया। मंच पर प्रो.एस के राय, प्रो. बलभद्र, प्रो.जेएन सिंह उपस्थित थे। सेमिनार में प्रो. सुनील, प्रो. संध्या, प्रो. निवेदिता, प्रो.मधुश्री सेन सान्याल, प्रो. इंदु, कंचन मेम, अर्चना मेम, प्रियंका मेम, सुप्रिया मेम, आस्था मेम, सा•िाया मेम, केके पाठक आदि उपस्थित थे।
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