नदियों को खोखला कर रहे बालू माफिया, 4 से 10 हजार प्रति ट्रैक्टर होती है डील
गिरिडीह जिले के बिरनी क्षेत्र में एनजीटी के प्रतिबंध के बावजूद इरगा और बराकर नदी से बालू का अवैध खनन और परिवहन जारी है। प्रशासन ने कुछ ट्रैक्टर जब्त किए हैं लेकिन उत्खनन अभी भी धड़ल्ले से हो रहा है। यह बालू विभिन्न क्षेत्रों में भेजा जा रहा है और दूसरे राज्यों तक निर्यात किया जा रहा है जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।

संवाद सहयोगी,बिरनी, (गिरिडीह)। एनजीटी रोक के बाद भी बिरनी के इरगा व बराकर नदी से बालू उठाव व परिवहन थम नहीं रहा है। जबकि मंगलवार को बिरनी सीओ संदीप मधेशिया ने छापेमारी कर बालू लदा तीन ट्रैक्टर बिना नंबर का जब्त किया था।
इसके बाद भी इरगा व बराकर नदी के विभिन्न घाटों गारागुरो, खुरजीओ पेशम, विजयडीह, नगलो, हरदिया, बाराडीह, बराय,चितनखारी, करारी,पंदनाखुर्द,सरिया आदि से रात में ही नहीं दिन के उजाले में भी बालू उठाव कर अवैध परिवहन किया जा रहा है।
इस बालू को बिरनी समेत धनवार, जमुआ, घोड़थंबा, हीरोडीह, देवरी मरकचो,डोमचांच, कोडरमा, सरिया, बगोदर, विष्णुगढ़, टाटीझरिया,हजरीबाग, डुमरी, पीरटांड़ व धनबाद तक खपाया जा रहा है। प्रति ट्रैक्टर 4000 से लेकर दस हजार रुपये में बालू बेचा जा रहा है।
इतना ही नहीं संबंधित क्षेत्राें में बालू को जमा कर फिर बड़े वाहन से दूसरे राज्य बिहार, बंगला, उत्तरप्रदेश, हरियाणा तक भेजा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक धंधेबाज एक लाख से लेकर दो लाख रुपये तक दूसरे राज्यों की दूरी के हिसाब से बालू प्रति ट्रक बेचते हैं।
वहीं झारखंड सरकार को भी ऐसे तत्व राजस्व का नुकसान दे रहे हैं। ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि प्रशासन कार्रवाई जरूर करता है, लेकिन नदियों से अवैध बालू उठाव पर पूर्ण रोक नहीं पता नहीं क्यों नहीं लगा पाता। इसे प्रशासन की मिलीभगत के चश्मे से भी देखा जा रहा है।
छोटे-छोटे लोगों पर प्रशासन कार्रवाई करने में आगे रहता है पर, सड़क व भवन निर्माण के ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं होती। झारखंड में पिछले पांच साल से नदियों के बालू घाटों की नीलामी नहीं की गई है। इसका फायदा बालू माफिया उठा रहे हैं।
सीओ संदीप मधेशिया ने कहा कि अवैध बालू उठाव करने वाले पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
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