परिवहन विभाग का गजब कारनामा: ट्रैक्टर ट्रेलर को दी क्षमता से अधिक माल ढोने की परमिशन, क्या कहता है नियम?
गिरिडीह परिवहन विभाग ने एक अनोखा कारनामा किया है। विभाग ने 4 टन की क्षमता वाले ट्रैक्टर को 10 टन माल ढुलाई की अनुमति दे दी, जो नियमों का उल्लंघन है। इ ...और पढ़ें

ट्रैक्टर ट्रेलर को क्षमता से अधिक माल ढुलाई की परमिशन। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, गिरिडीह। ऐसे तो परिवहन विभाग से किसी भी ट्रैक्टर ट्रेलर का रजिस्ट्रेशन अधिकतम चार टन क्षमता तक का ही हो सकता है, लेकिन यदि आपको अधिक क्षमता का पासिंग चाहिए तो गिरिडीह से ऐसा संभव हो सकता है।
जी हां, ऐसा कारनामा गिरिडीह में परिवहन विभाग ने किया है। विभाग ने एक ट्रैक्टर ट्रेलर की पासिंग क्षमता 10 टन का रजिस्ट्रेशन दिया है। ऐसा कारनामा कर जिला में परिवहन विभाग खुद सवालों के घेरे में फंस गया है।
गिरिडीह जिला परिवहन कार्यालय से एक ट्रैक्टर ट्रेलर का रजिस्ट्रेशन गत अक्टूबर महीना में हुआ है, जो आशीष कुमार राय के नाम से है। इसमें ट्रैक्टर ट्रेलर की पासिंग क्षमता 10 हजार किलोग्राम अर्थात करीब 10 टन दिया गया है।
इसी के आधार पर ट्रैक्टर मालिक ने इतनी ही क्षमता का परमिट भी बनवा लिया है। इसके अनुसार संबंधित ट्रैक्टर ट्रेलर को 10 टन माल ढोने की अनुमति प्रदान की गई है, जो कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं होता है।
अब तक नहीं हुआ ऐसा
जानकारों का कहना है कि न केवल झारखंड बल्कि पूरे भारत में किसी भी ट्रैक्टर ट्रेलर की 10 टन पासिंग क्षमता की अनुमति नहीं दी जा सकती है और न ही अब तक ऐसा कहीं हुआ था, क्योंकि ट्रैक्टर ट्रेलर की इतनी अधिक माल ढोने की क्षमता नहीं होती है। विभाग ने उक्त ट्रैक्टर ट्रेलर को इतना अधिक माल ढोने की अनुमति कैसे दे दी, यह समझ से परे है।
उठ रहे हैं है ये सवाल
लोगों का कहना है कि विभाग की ओर से समय-समय पर अभियान चलाकर वाहनों की जांच की जाती है। इस क्रम में वाहनों में क्षमता से अधिक लोड मिलने पर विभाग कार्रवाई करता है, जुर्माना भी वसूलता है। वहीं विभाग ने खुद एक ट्रैक्टर ट्रेलर को क्षमता से अधिक की अनुमति दी है। अब यदि संबंधत ट्रैक्टर ट्रेलर क्षमता से अधिक माल लोड कर सड़कों पर निकलेगा तो इसके लिए जिम्मेवार कौन होगा।
संंबंधित एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर उक्त ट्रैक्टर ट्रेलर का रजिस्ट्रेशन किया गया था। एजेंसी ने ही ट्रैक्टर ट्रेलर की क्षमता का उल्लेख किया था। इसी के अनुसार परमिशन दिया गया था, लेकिन गड़बड़ी सामने आते ही उसका रजिस्ट्रेशन रद कर दिया गया है। साथ ही संबंधित एजेंसी को शोकाज किया गया। -संतोष कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, गिरिडीह

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