Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मोंथा तूफान को लेकर गिरीडीह जिला प्रशासन अलर्ट, उपायुक्त ने गाइडलाइन जारी कर सतर्कता बरतने की अपील की

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 04:46 PM (IST)

    गिरीडीह जिला प्रशासन मोंथा तूफान को लेकर सतर्क हो गया है। उपायुक्त ने लोगों को सुरक्षित रहने और आवश्यक सावधानी बरतने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। आपदा प्रबंधन विभाग को भी अलर्ट कर दिया गया है।

    Hero Image

    मोंथा तूफान को लेकर गिरीडीह जिला प्रशासन ने जारी किया गाइडलाइंस। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, गिरिडीह। बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात मोंथा को लेकर उपायुक्त रामनिवास यादव ने दिशानिर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि मोंथा चक्रवात एक ट्रॉपिकल तूफान के रूप में तेजी से सक्रिय हो रहा है और मौसम विभाग ने यह अनुमान व्यक्त किया है कि आने वाले दिनों में यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। इसके प्रभाव से झारखंड के दक्षिणी और मध्य क्षेत्रों में तेज हवाएं, भारी वर्षा तथा वज्रपात की संभावना जताई गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कहा कि मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान की वजह से जिले में भारी बारिश की संभावना हो सकती है। साथ ही वर्तमान में अत्यधिक वर्षा के कारण जान माल के नुकसान की स्थिति भी बनी रहती है।

    ऐसे में सभी से आग्रह होगा कि खराब मौसम की वजह से अपने घरों से बेवजह बाहर न निकलें विशेष परिस्थिति में ही घरों से निकले। उन्होंने कहा कि अत्यधिक वर्षा के कारण अक्सर झील, तालाब, जलाशय, डोभा, नदी-नाले सब भर जाते हैं और आम जनजीवन प्रभावित होता है।

    अत्यधिक वर्षा से सड़क जाम, कच्चे मकान का टूटना, वज्रपात से जान-माल और फसलों को नुकसान की आशंका बनी रहती है। विशेषकर बच्चों को इससे काफी खतरा रहता है।

    किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। उन्होंने लोगों से नदी नाले, जलाशय आदि से बच्चों को दूर रखने की अपील की। साथ ही कहा कि अगर कहीं जलजमाव हो रहा है, जल निकासी का उचित प्रबंध करें।

    जल जमाव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है। सभी संबंधित अधिकारी हर स्तर पर तैयारी पूरी रखें, ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि या क्षति को न्यूनतम किया जा सके।

    उपायुक्त ने पदाधिकारियों को एनडीआरएफ/एसडीआरएफ टीमों को संभावित प्रभावित क्षेत्रों में तैयार स्थिति में रखने, निचले व जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां के लोगों को सुरक्षित स्थलों पर स्थानांतरित करने की योजना बनाने, संचार व्यवस्था, बिजली आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त एवं सक्रिय रखने, सभी बीडीओ व थाना प्रभारियों को 24 घंटे निगरानी और रेस्पांन्स के लिए निर्देशित करने का निर्देश दिया है।