जनसंघ को स्थापित करने में डॉ. कुशवाहा की थी बड़ी भूमिका
संयुक्त बिहार के समय गिरिडीह समेत पूरे कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में पिछड़ों को जगाने एवं जनसंघ से लेकर भाजपा को स्थापित करने में डॉ. जगदीश प्रसाद कुशवाहा का बड़ा योगदान था। उनके पैतृक गांव जमुआ प्रखंड के भंडारो में जनसंघ एवं बाद में भाजपा के संयुक्त बिहार के बड़े नेताओं का जमावड़ा लगा रहता था।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : संयुक्त बिहार के समय गिरिडीह समेत पूरे कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में पिछड़ों को जगाने एवं जनसंघ से लेकर भाजपा को स्थापित करने में डॉ. जगदीश प्रसाद कुशवाहा का बड़ा योगदान था। उनके पैतृक गांव जमुआ प्रखंड के भंडारो में जनसंघ एवं बाद में भाजपा के संयुक्त बिहार के बड़े नेताओं का जमावड़ा लगा रहता था। यह गांव एक तरह से आंदोलन का केंद्र बन गया था। 27 जनवरी 1999 को उनका निधन हो गया था। अंतिम समय तक वे जमुआ प्रखंड के प्रमुख रहे। अपने चिर परिचित अंदाज में लोगों को संबोधित करने वाले डॉ.कुशवाहा आम लोगों के लिए काफी सुलभ थे।
27 जनवरी को उनकी 22 वीं पुण्यतिथि पर राज्य के प्रमुख नेताओं का जमावड़ा उनके पैतृक गांव भंडारो में बुधवार को लगेगा। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, जमुआ के विधायक केदार हाजरा समेत कई पूर्व विधायक और विभिन्न दलों के नेता पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में शिरकत करेंगे।
डॉ. कुशवाहा के साथ जनसंघ के समय से लेकर भाजपा में साथ काम करने वाले वयोवृद्ध नेता कैलाश साव ने बताया कि जगदीश प्रसाद कुशवाहा में शुरू से समाज और देश के लिए कुछ करने का जुनून था। सातवीं तक की पढ़ाई के बाद वे चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े। धीरे-धीरे उन्होंने अपने कुशवाहा समाज को संगठित करने की ठानी। उन्होंने जनसंघ से जुड़कर कार्य शुरू किया। डॉ. कुशवाहा जनसंघ एवं भाजपा संगठन को मजबूत करने में लगे रहे जबकि लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने अनुज रीतलाल प्रसाद वर्मा को उतारा। रीतलाल प्रसाद वर्मा को कोडरमा से छह बार सांसद बनाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी। उनके बड़े पुत्र प्रो.जयप्रकाश वर्मा ने पिता के आदर्शों पर चलते हुए राजनीति में अपनी पहचान बनाई। वर्ष 2014 में गांडेय से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज कर वे विधायक बने। गत विधानसभा चुनाव में कम अंतर से हारने के बाद भी जनता से जुड़ाव बनाए रखा। वह लगातार कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय देखे जाते हैं।