शिवा महतो का महाशिवरात्रि से रहा गहरा नाता
घुटवाली से पूर्व विधायक की भव्य शव यात्रा निकली

शिवा महतो का महाशिवरात्रि से रहा गहरा नाता
संवाद सहयोगी, डुमरी (गिरिडीह) डुमरी में उच्च शिक्षा जगत की अलख जगाने वाले और झारखंड अलग राज्य आंदोलन के प्रमुख नेता रहे शिवा महतो का निधन 28 फरवरी की रात्रि घुटवाली के विधायक टोला स्थित उनके आवास पर हो गया। शिवा महतो डुमरी विधानसभा से 1980, 1985 तथा 1995 में विधायक रहे थे। स्वजनों के अनुसार उनका जन्म बोकारो जिलार्न्तगत दुग्दा के सिजुवा में 1914 को शिवरात्रि के दिन हुआ था और संयोगवश उनका निधन शिवरात्रि के पूर्व रात्रि 108 वर्ष की आयु में हो गया। इधर मंगलवार को घुटवाली से विशाल शवयात्रा निकाली गई। शवयात्रा क्षेत्र भ्रमण कराते हुए उनके पैतृक आवास सिजुआ ले जाया गया। पूर्व विधायक के शव को झामुमो के झंडे में लपेट कर ले जाया गया।
सांसद चंद्रप्रकाश भी पहुंचे : शिवा महतो के निधन की खबर सुनकर स्थानीय सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, बगोदर के पूर्व विधायक नागेन्द्र महतो, शिवा महतो के साथी मंगल महतो, डेगलाल महतो समेत विभिन्न दलों के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता उनके घर पहुंचे और शोक संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। संवेदना व्यक्त करने वालों में जिप अध्यक्ष राकेश महतो, डुमरी विधानसभा आजसू प्रभारी यशोदा देवी, अनुमंडल सांसद प्रतिनिधि छक्कन महतो, मधगोपाली के पूर्व मुखिया महेश महतो, मुखिया पार्वती, देवीलाल आनंद, रितलाल महतो, भाकपा माले के जिला सचिव पुरन महतो, नागेश्वर महतो, जयराम महतो, सुरेन्द्र साहू, सांसद प्रतिनिधि राजकमल महतो, जदयू नेता डुमरचंद महतो, सांसद प्रतिनिधि शंभूनाथ महतो, मोहन महतो, प्राचार्य प्रो. धनेश्वर महतो, प्रो. शंकर ठाकुर, कैलाश चौधरी, रवि सिन्हा, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार महतो, कारी बरकत अली, कैलाश चौधरी, राजकुमार पांडेय, डेगनारायण महतो, मृत्युंजय जायसवाल, पंकज कुमार, थानेश्वर महतो, जिलाध्यक्ष निरंजन महतो, जिला प्रवक्ता डीलचंद महतो, प्रयाग महतो आदि उपस्थित थे।
कालेज में भी दी गई श्रद्धांजलि : शवयात्रा झारखंड कामर्स इंटर कालेज में रुकी। पूर्व प्रिंसिपल प्रताप यादव के नेतृत्व में प्रोफेसर और कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद झारखंड कालेज डुमरी में प्रिंसिपल धानेश्वर महतो के नेतृत्व में सभी प्रेफेसर व कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि दी। यहां से शवयात्रा पैतृक गांव सिजुआ के लिए रवाना हुई। राजकीय सम्मान के साथ दामोदर नदी तट पर अंतिम संस्कार हुआ।
--बच्चों को पढ़ो व लड़ों की सीख दी थी : शिवा के साथी मंगल महतो ने बताया कि व्यवहारकुशल नेता रहे शिवा गांव-गांव घूम कर लोगो को जागरूक करते रहे और इलाके में शिक्षा का अलख जगाते रहे। गरीब के बच्चों को पढ़ो व लड़ो की सीख देते थे। झारखंड के दिग्गज नेता बिनोद बिहारी महतो के नेतृत्व में 1972 मे झारखंड राज्य अलग करने को लेकर आंदोलन किया। एक बार उन पर जानलेवार हमला कर उन्हें फेंक दिया गया था। तब ग्रामीणों ने अस्पताल में भर्ती करवा कर उन्हें बचा लिया था। घुजाडीह में कुरमी समाज और शिवाजी समाज की स्थापना की गई।
-सरकार ने नहीं दिया उचित सम्मान : गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि शिवा महतो साफदिल इंसान थे। उनसे हमसबों को प्रेरणा मिलती रहेगी। कहा कि अलग झारखंड राज्य के आंदोलनकारी को झारखंड सरकार वह सम्मान नहीं दिया जिसके वह हकदार थे। इनका जुड़ाव जनता के साथ हमेशा रहा था। पूर्व विधायक नागेन्द्र महतो ने कहा कि 1974 से लगातार उनका योगदान जनहित में रहा था। शिवा महतो आंदोलन के प्रतीक हैं।
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