डैम पर पहुंचते ही पानी से निकाला गया प्रफुल्ल के दोनों बेटों का शव
पिता के कदम डैम किनारे पड़ते ही दोनों बेटों का शव निकला

डैम पर पहुंचते ही पानी से निकाला गया प्रफुल्ल के दोनों बेटों का शव
संस, खोरीमहुआ : डैम में नौका विहार का आनंद लेने के दौरान नाव डूबने से लापता बच्चों में दो बच्चे प्रफुल्ल सिंह के भी थे। घटना के वक्त वह गोवा में थे। हादसे की सूचना मिलने पर सुबह 10 बजे अपने गांव खेतो पहुंचे। उसके बाद वह ग्रामीणों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। तबतक एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर सीताराम यादव, उसकी बेटी सेजल कुमारी, प्रदीप की बेटी संध्या कुमारी के शव को डैम से बाहर निकाल कर अन्य की तलाश कर रही थी। डैम किनारे वे हताश स्थिति में पदाधिकारियों के समक्ष पहुंचे और पूछा कि सर, मेरे बेटे का कुछ पता चला। इतना कहना था कि एनडीआरएफ की टीम एक शव डैम से निकालकर किनारे पहुंची। शिनाख्त के लिए पीड़ित परिवारों को बुलाया गया तो वह उनके पुत्र अमित का शव था। इसके बाद 10 मिनट के बाद मौके पर मौजूद पदाधिकारियों को रेस्क्यू टीम ने मैसेज दिया कि एक और शव बरामद हुआ है। कुछ देर बाद वह शव भी लाया गया। वह प्रफुल्ल के ही बड़े पुत्र रोहित का शव था। इसके बाद दोनों शव देखते ही प्रफुल्ल दहाड़ मारकर रोने लगे। वह कह रहे थे कि अब जी कर क्या करेंगे, किसके लिए कमाएंगे। दादा-दादी, मां-बाप जिन्दा है, उससे पहले बेटे चल बसे। क्या गुनाह किया था, किसे दुख: दिया था, हे भगवान जिसकी इतनी बड़ी सजा मुझे दी। वह ईश्वर से मिन्नत कर रहे थे कि मुझे भी दोनों बेटे के साथ ले चलो। इतना कहते ही वह बेहोश हो गए। लोगों ने किसी तरह उन्हें होश में लाया। फिर वह पुत्रों का शव लदा स्ट्रेचर पकड़कर रोने लगे। शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा जाने लगा तो वह उसके पीछे दौड़ने लगे। लोगों ने किसी तरह उसे पकड़ कर शांत किराया। बीच-बीच में उनके रोने की आवाज सुनकर अन्य का भी कलेजा पसीज जा रहा था। प्रफुल्ल गोवा में निजी एजेंसी में काम करते हैं। हादसा सुनकर गांव पहुंचे थे।
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