स्थापना दिवस पर डीएवी के बच्चों की आकर्षक प्रस्तुती
जागरण संवाददाता गिरिडीह डीएवी के स्थापना दिवस के मौके पर मंगलवार को बीएनएस डीएवी पब्लि

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : डीएवी के स्थापना दिवस के मौके पर मंगलवार को बीएनएस डीएवी पब्लिक स्कूल में आनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा एक से पांच तक के बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। बच्चों ने डीएवी गान की सुंदर प्रस्तुति दी। महात्मा हंसराज की पेंटिग बनाई और अपने भाषणों में उनके त्याग, बलिदान, समर्पण भाव, निस्वार्थ सेवा, अदम्य साहस, ²ढ़ इच्छा शक्ति आदि की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
क्षेत्रीय निदेशक सह प्राचार्य डीएवी पब्लिक स्कूल झारखंड जोन एच डॉ पी हाजरा ने बताया कि वेदों की ओर लौटने का आह्वान करने वाले आर्य समाज के प्रवर्तक स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा था कि मेरे मरने के बाद कहीं भी मेरी मूर्ति न लगाई जाए। इसके स्थान पर ऐसे शिक्षण संस्थान खोले जाएं जिसका माध्यम तो अंग्रेजी हो लेकिन विद्यार्थियों को वैदिक आचार विचार संस्कार दिए जाएं, उनमें भारतीयता का बोध हो। इन्हीं आदर्शो को मानते हुए उनकी मृत्यु के बाद एक जून 1886 में महात्मा हंसराज ने दयानंद एंग्लो वैदिक विद्यालय की स्थापना लाहौर में की। इसके प्रथम प्रधानाचार्य महात्मा हंसराज थे।
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