केआइटी विवाद पर अनुमंडल दंडाधिकारी कोर्ट से नोटिस जारी
यढ्ढञ्ज में लंबे समय से कब्जा को लेकर चल रहे विवाद में दंडाधिकारी को सीआर पी सी के धारा 145 में दिए गए प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए दोनों पक्षों को सीआर पी सी के तहत नोटिस तामिला कर दिया गया है और लिखित रूप से दस्तावेज सहित अपना-अपना दावा के लिए पक्ष रखने के लिए दिनांक 20 मई 2020 को अनुमंडल दंडाधिकारी के कोर्ट में स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से पेश होने का आदेश हुआ है जिसके बाद दोनों पक्ष अपना-अपना लिखित बयान एवं अपने-अ
गिरिडीह : खंडोली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में लंबे समय से चल रहे विवाद को ले अनुमंडल दंडाधिकारी के कोर्ट ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया है। दोनों पक्षों को 20 मई को अनुमंडल दंडाधिकारी के कोर्ट में स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से पेश होने का आदि दिया गया है। सीआरपीसी की धारा 145 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए दंडाधिकारी ने दोनों पक्षों को यह नोटिस जारी किया है।
20 मई को उक्त कोर्ट में दोनों पक्ष अपना-अपना लिखित बयान एवं अपने-अपने दावे से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। लिखित बयान एवं दावे से संबंधित दस्तावेज के अवलोकन तथा दंडाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अनुमंडल दंडाधिकारी के न्यायालय से आदेश आने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन गुट बाहर जाएगा और किसे अंदर रहने का आदेश होगा। इसके बाद लंबे समय से चल रहे विवाद पर विराम लगने की भी संभावना बन रही है।
केआइटी के अध्यक्ष अरविद मंडल ने बताया कि अनुमंडल दंडाधिकारी के न्यायालय से निर्गत सीआरपीसी की धारा 145 की कार्रवाई की नोटिस मिली है। बेंगाबाद के बीडीओ, सीओ एवं थाना प्रभारी की रिपोर्ट पर संतोष होकर अनुमंडल दंडाधिकारी गिरिडीह के न्यायालय से उनके और आशुतोष पांडेय के बीच चल रहे विवाद के कारण कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके लिए दोनों को अपना-अपना पक्ष लिखित एवं दस्तावेज के साथ 20 मई को अनुमंडल दंडाधिकारी के न्यायालय में रखना है। इसके बाद न्यायालय निर्णय करेगा कि संस्थान में रहने का दावा किस का सही है और किसका गलत।
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