AIFB ने सरकार से लेबर कोड वापस लेने की मांग की, चारों कानून को बताया मजदूर विरोधी
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) ने केंद्र सरकार से लेबर कोड वापस लेने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि ये चारों श्रम कानून मजदूर विरोधी हैं और श्रमिकों के हितों की रक्षा करने में विफल हैं। एआईएफबी ने सरकार से इन कानूनों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
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ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक ने प्रतिवाद कर सरकार से लेबर कोड वापस लेने की मांग की। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, गिरिडीह। ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक तथा टीयूसीसी के बैनर तले बुधवार को शहर स्थित झंडा मैदान में धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार लेबर कोड को सरासर मजदूर विरोधी बताते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की गई।
प्रतिवाद कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे पूर्व जिप सदस्य व फारवर्ड ब्लाक के जिला संयोजक राजेश यादव ने कहा कि मजदूर विरोधी चार लेबर कोड नहीं चलेगा। इसे लाने के पीछे सरकार की मंशा इतनी गलत है कि, जिनके लिए यह कोड लाए गए हैं, उनकी ही सहमति नहीं ली गई। देश भर के ट्रेड यूनियनों द्वारा दिए गए सुझावों की भी अनदेखी कर इसे जबरन थोप दिया गया है।
उन्होंने कहा कि चार लेबर कोड से जहां मजदूरों के अधिकारों का हनन होगा, वहीं उनके लिए काम के घंटे बढ़ाने सहित महिला कामगारों से रात्रि पाली में भी काम कराने की अनुमति दी गई है।
लेबर कोड में कांट्रैक्ट वर्करों की बढ़ोतरी और नौकरी की सुरक्षा का अभाव है। इसमें मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा और आवश्यक न्यूनतम वेतन की गारंटी भी नहीं है। मजदूरों द्वारा अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने पर भी बंदिशें लगा दी गई हैं।
यादव ने कहा कि यदि सरकार ने चारों लेबर कोड वापस नहीं लिए, तो देश के करोड़ों मजदूर इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे। जिस तरह किसानों ने अपने खिलाफ लाए गए चार काले कृषि कानून वापस कराए, वही हाल इस कोड का भी होगा। मजदूर विरोधी लेबर कोड के खिलाफ अभियान चलाने का भी ऐलान किया गया।
प्रतिवाद कार्यक्रम में मुख्य रूप से शंभू ठाकुर, मनोज यादव, संजय चौधरी, शंभू तुरी, शिवनंदन यादव, चंदन कुमार, राजेश कोल, मुन्ना कोल, खुबलाल कोल, जगदीश कोल, गणेश कोल, एतवारी कोल, पंकज कुमार दास, दौलत सिंह समेत कई मौजूद थे।

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