Garhwa विक्षिप्त समेत दो नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर कई बार किया दुष्कर्म,आरोपित को आजीवन सश्रम कारावास, एक लाख रुपये जुर्माना भी
गढ़वा जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट दिनेश कुमार की अदालत ने मंगलवार को एक विक्षिप्त समेत दो नाबालिग लड़कियों को बहला फ ...और पढ़ें

विक्षिप्त समेत दो नाबालिग लड़कियों को बहला फुसलाकर अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोपित रंका थाना क्षेत्र के दौनादाग निवासी इरशाद अंसारी को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
संवाद सहयोगी, गढ़वा । जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट दिनेश कुमार की अदालत ने मंगलवार को एक विक्षिप्त समेत दो नाबालिग लड़कियों को बहला फुसलाकर अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोपित रंका थाना क्षेत्र के दौनादाग निवासी इरशाद अंसारी को आजीवन सश्रम कारावास एवं एक लाख रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई है।
इसमें अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक उमेश दीक्षित एवं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार चौबे ने पैरवी की। जानकारी के अनुसार रंका थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने थाना में लिखित आवेदन में कहा था कि तीन अक्टूबर 2022 को उसकी नाबालिग पुत्री एवं नतिनी दोनों सब्जी बाजार रंका में कलश एवं दीया लेकर बेचने गई थी।
लेकिन वहां से शाम तक वापस घर नहीं आई तो पता लगाने के लिए सूचक रंका बाजार पहुंचा। वहां सब्जी बेचने वाले एक परमेश प्रजापति ने बताया कि शाम 4:15 बजे मेरे मोबाइल नंबर 933466 4010 से मोबाइल नंबर 620 249 6024 पर नाबालिग पुत्री द्वारा बात की गई है। इसके बाद दोनों वहां से चले गए हैं।
इस सूचना के बाद सूचक को पूर्ण विश्वास हो गया कि उसकी पुत्री एवं नतिनी को बहला फुसलाकर शादी करने के नियत से अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपहरण कर लिया गया है।
इस आवेदन के आधार पुलिस ने रंका थाना कांड संख्या 178/2022 दिनांक 04 अक्टूबर 2022 दर्ज किया और त्वरित कार्रवाई करते हुए मोबाइल के लोकेशन के आधार पर पता लगाया कि मोबाइल धारक इरशाद अंसारी है।
इसके पश्चात अनुसंधान के क्रम में पता चला कि इरशाद अंसारी ने दोनों नाबालिग लड़कीॉियों को मोटरसाइकिल से जंगल में ले गया और कई बार दुष्कर्म किया। उसके बाद उन लोगों को बंद कमरा में भी रखकर दुष्कर्म किया।
दुर्गा पूजा की भीड़ होने के कारण एक नाबालिग लड़की भाग कर घर आ गई। लेकिन दूसरी नाबालिग लड़की को कमरा में बंद रखा और कई बार दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपित को पकड़ कर पूछताछ की।
2019 में भी दुष्कर्म के आरोप में जेल गया था
आरोपित ने पुलिस के समक्ष स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि सबसे पहले वर्ष 2019 में दुष्कर्म के आरोप में वह जेल गया था। जेल से निकलने के बाद अपना नाम इरशाद अंसारी से बदलकर सोनू कुमार बताकर सूचक की नाबालिग पुत्री से मोबाइल के माध्यम से बातचीत किया करता था।
बातचीत करने के क्रम में बहला फुसलाकर कर जंगल में ले गया और दुष्कर्म किया। उसके बाद दोनों नाबालिग लड़कियों को राज्य से बाहर लेकर जाने के लिए प्रयास में था, लेकिन पकड़ा गया। पुलिस ने आरोपित को जेल भेज दिया है।
जबकि अनुसंधान क्रम में एक पीड़िता को विक्षिप्त (पागल) होने का भी प्रमाण प्राप्त हुआ तथा चिकित्सीय जांच एवं पीड़िता का न्यायालय में बयान दर्ज कराया गया। अनुसंधान पूर्ण कर पुलिस ने आरोप पत्र समर्पित किया।
न्यायालय द्वारा आरोपी के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए आरोप गठन किया गया। उसके बाद न्यायालय ने विभिन्न तिथियाें को कुल 10 साक्षियों का साक्ष्य कलमबद्ध करते हुए उपलब्ध दस्तावेज एवं साक्ष्य के आधार पर दोषी करार देते हुए सजा के बिंदु पर सुनवाई कर अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई।
इसमें भादवि की धारा 363 में सात वर्ष का कारावास एवं 10000 रुपये आर्थिक दंड, भादवि की धारा 366 ए में 10 वर्ष कारावास एवं 10000 आर्थिक दंड तथा पोक्सो की धारा 4 में सश्रम आजीवन कारावास एवं एक लाख रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई है।

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