होम्योपैथिक डॉक्टर कर रहा था एलोपैथिक इलाज, एसडीएम के निरीक्षण में गंभीर अनियमितता उजागर
एसडीएम संजय कुमार ने गढ़वा के चार निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया जिसमें कई अनियमितताएं पाई गईं। कुछ अस्पतालों में पंजीकरण और मेडिकल वेस्ट प्रबंधन में कमियां थीं। एक क्लिनिक को बंद कर दिया गया क्योंकि वहां बिना लाइसेंस के इंजेक्शन मिले और एक तकनीशियन इलाज कर रहा था। एक अस्पताल में होम्योपैथिक डॉक्टर एलोपैथिक उपचार कर रहा था। एसडीएम ने गर्भाशय ऑपरेशन की जांच की बात कही।

संवाद सहयोगी, गढ़वा। एसडीएम संजय कुमार ने शनिवार की शाम शहर से सटे चिरौंजिया एवं नवादा मोड़ स्थित चार निजी अस्पतालों गढ़वा सेवा सदन, मेडिका हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, जीएन हॉस्पिटल तथा डॉ. जे अंसारी के क्लीनिक का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण में कई गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। कुछ अस्पतालों में ओपीडी एवं आईपीडी रजिस्टर संधारित नहीं थे। जबकि मेडिकल वेस्ट निस्तारण की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। वहां प्रदर्शित डॉक्टरों की सूची भी संदिग्ध थी।
अगले आदेश तक निजी क्लीनिक को बंद कराया
डॉ. जे अंसारी का क्लीनिक के बोर्ड पर एमबीबीएस लिखा पाया गया, जबकि स्थानीय लोगों ने एसडीएम को बताया कि संबंधित चिकित्सक संभवतः एमबीबीएस नहीं हैं। बोर्ड पर जनरल फिजिशियन, हड्डी, एवं नस रोग विशेषज्ञ भी अंकित था।
निरीक्षण के समय डॉ. अंसारी मौजूद नहीं थे। लेकिन मुकेश कुमार नामक एक तकनीशियन दो मरीजों का इलाज करता मिला। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मुकेश अभी किसी स्थानीय डिग्री कॉलेज में अध्ययनरत है।
क्लीनिक में ही स्थित मेडिकल स्टोर बड़ी मात्रा में इंजेक्शन, यूज्ड सिरिंज एवं अन्य चिकित्सकीय सामग्री भी मिली, जिनका कोई वैध लाइसेंस उपलब्ध नहीं था। क्लीनिक को सक्षम स्तर से जांच होने तक या अगले आदेश तक के लिए बंद करवा दिया गया।
होम्योपैथी डिग्रीधारी एलोपैथिक पद्धति से कर रहा इलाज
जीएन हॉस्पिटल में डॉ. जावेद मरीजों का इलाज करते हुए पाए गए। एसडीएम द्वारा पूछने पर में उन्होंने स्वयं को होम्योपैथिक डॉक्टर बताया, जबकि अस्पताल में होम्योपैथिक उपचार पद्धति का कोई प्रमाण नहीं मिला।
यहां एलोपैथिक दवाओं एवं उपचार का ही उपयोग किया जा रहा था। जबकि मेडिका हॉस्पिटल में नौ सितंबर 2025 के बाद एडमिशन रजिस्टर अपडेट नहीं मिला, जबकि मौके पर भी बड़ी संख्या में लोग इलाजरत थे।
अस्पताल में मरीजों का कोई डाटा नहीं
गढ़वा सेवा सदन में भी जनवरी 2025 से एक अगस्त 2025 तक का किसी प्रकार के रोगियों का कोई डाटा या रजिस्टर नहीं मिला। साथ ही नियमानुसार मेडिकल वेस्ट निस्तारण की व्यवस्था नहीं पाई गई।
एसडीएम ने बताया कि जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि ज्यादातर अस्पतालों में बड़ी संख्या में गर्भाशय (बच्चेदानी) के ऑपरेशन एवं सिजेरियन से डिलीवरी किए जा रहे हैं। इस विषय को संदिग्ध मानते हुए एसडीएम ने कहा कि इस संबंध में भी जांच की जाएगी।
एसडीएम ने कहा कि गढ़वा में स्वास्थ्य सेवाओं को मानक के अनुरूप बनाने तथा किसी प्रकार के सिंडिकेट पर नकेल कसने के लिए इस प्रकार का सघन जांच अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि आज जिन चार अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया गया, उनके संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन को प्रतिवेदन भेजा जा रहा है।
एसडीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी कि चाहे सरकारी हो या निजी, स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता, धोखाधड़ी अथवा जानबूझकर की गई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई तय है।
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