Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Jharkhand News : गढ़वा पुलिस ने बिहार के सासाराम से राजद प्रत्याशी सत्येंद्र साह को किया गिरफ्तार, उनके खिलाफ दर्ज है डकैती का मामला

    By Kanchan SinghEdited By: Kanchan Singh
    Updated: Mon, 20 Oct 2025 08:59 PM (IST)

    गढ़वा पुलिस ने बिहार के सासाराम से राजद प्रत्याशी सत्येंद्र साह को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी नामांकन दाखिल करने के बाद हुई। सत्येंद्र साह पर गढ़वा में 2004 का एक मामला दर्ज है, जिसमें वे फरार थे। गढ़वा पुलिस अधीक्षक ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। इस घटना से सासाराम में महागठबंधन को झटका लगने की संभावना है।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, गढ़वा । गढ़वा पुलिस ने सोमवार को बिहार के सासाराम में महागठबंधन के प्रत्याशी सत्येंद्र साह को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उन्हें गढ़वा ले आई है।

    यह गिरफ्तारी उस समय हुई, जब सत्येंद्र साह बिहार विधानसभा चुनाव के द्वितीय चरण के नामांकन के अंतिम दिन सासाराम में निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय से राजद प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर बाहर निकले थे।

    जानकारी के अनुसार सत्येंद्र साह गढ़वा में कांड संख्या 320/2004 में आरोपित थे। सत्येंद्र साह के विरुद्ध आइपीसी की धारा 395, 397 एवं 120 बी के तहत मामला दर्ज है। इस मामले में वे फरार चल रहे थे।

    इस मामले में गढ़वा व्यवहार न्यायालय से पहले से ही वारंट जारी था। गढ़वा के पुलिस अधीक्षक अमन कुमार ने भी इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि 21 वर्ष पुराने मामले में न्यायालय से निर्गत वारंट के तामिला के लिए गढ़वा पुलिस ने रोहतास जिले के करहगर थाना पुलिस से संपर्क में थी। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आज सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी की तैयारी में सासाराम में निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय परिसर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। सासाराम विधानसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी सत्येंद्र साह को रोहतास जिले के करहगर थाना पुलिस ने उस वक्त दबोच लिया, जब वे नामांकन दाखिल कर बाहर निकल रहे थे।

    इसके बाद करहगर थाना पुलिस ने आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर सत्येंद्र साह को गढ़वा पुलिस को सौंप दिया। पुलिस उन्हें लेकर गढ़वा आ गई है। इधर, गढ़वा में भी राजनीतिक हल्कों इस गिरफ्तारी को लेकर चर्चा हो रही है। 

    माना जा रहा है कि इस घटना से सासाराम में महागठबंधन को झटका लगा है। इससे एक तरफ मतदाताओं में गलत संदेश जाएगा। जबकि जमानत मिलने तक प्रचार अभियान में भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।