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    जान से मारने की धमकी देकर नाबालिग से दुष्कर्म, गढ़वा कोर्ट से आरोपी को उम्रकैद की सजा; 1 लाख का जुर्माना

    By Deepak DipuEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Fri, 19 Dec 2025 06:41 PM (IST)

    गढ़वा व्यवहार न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी विकास साव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। रंका थाना क्षेत्र के इस मामले में, आरोपी ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    संवाद सहयोगी, गढ़वा। जिला व्यवहार न्यायालय गढ़वा के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट दिनेश कुमार की अदालत ने शुक्रवार को अनुसूचित जाति की एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले रंका थाना क्षेत्र के सिरोइकला गांव के बघौता टोला निवासी विकास साव उर्फ विकास कुमार को सश्रम आजीवन कारावास एवं 100000 रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। 

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    इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक उमेश दीक्षित एवं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ललित कुमार पांडेय ने पैरवी की।                         

    जानकारी के अनुसार रंका थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली अनुसूचित जाति की एक नाबालिग लड़की की मां ने 16 जनवरी 2023 को एक लिखित आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसे थाना कांड संख्या 07 / 2023 पर दर्ज किया गया था। 

    जान से मारने की धमकी

    जिसमें आरोप लगाया गया था कि विकास साव ने उसकी नाबालिग पुत्री के साथ 14 जनवरी 2023 को शाम 3:00 बजे घर में घुसकर दुष्कर्म किया और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए धमकाया कि हल्ला करेगी तो मार कर फेंक देंगे, किसी को पता नहीं चलेगा। 

    सूचिका ने कहा था कि इसके बाद 15 जनवरी 2023 को गांव में पंचायती हुई। लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इस कारण प्राथमिकी दर्ज कराने में विलंब हुआ। पुलिस ने इस जानकारी के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर नाबालिग पीड़िता का मेडिकल एवं न्यायालय में बयान दर्ज कराया। 

    पिता की आवाज सुनकर पीड़िता को छोड़ा

    जिसमें पीड़िता ने बताया था कि वह सड़क के किनारे बैठी थी, तभी विकास साव उर्फ विकास कुमार ने आकर बोला कि तुम हमेशा इधर आती हो, चलो ना मेरे घर में। इस पर पीड़िता उसके घर गई तो आरोपित ने उसे अपने घर में घुसाकर दरवाजा बंद कर दिया और दुष्कर्म किया। इस दौरान पीड़िता का मुंह में कपड़ा से बंद कर दिया। 

    पीड़िता ने बताया था कि उसकी मम्मी बीमार थी और पापा गाय को पानी पिलाने गए थे। जब उसके पिता घर वापस आए तो बेटी के बार में पूछे तो पता चला कि वह सड़क की ओर गई है। लेकिन पीड़िता के पिता की आवाज सुनकर आरोपित ने पीड़िता को छोड़ दिया। 

    इसके बाद वह भाग कर घर पहुंची और घटना की जानकारी माता पिता को दी। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार करते हुए न्यायिक हिरासत भेज दियाऔर न्यायिक प्रक्रिया पूरी कर आरोप पत्र समर्पित किया। 

    आजीवन कारावास एवं 10000 रुपये आर्थिक दंड

    न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए आरोप गठन कर विभिन्न तिथियों में कुल नौ साक्षियों का साक्ष्य कलमबद्ध करते हुए आरोपी विकास साव को दोषी करार दिया। 

    सजा के बिंदु पर सुनवाई कर अलग-अलग धाराओं में एससी-एसटी एक्ट 3(2)(v)) में सश्रम आजीवन कारावास एवं 10000 रुपये आर्थिक दंड, 4(2)पोक्सो में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक लाख रुपये आर्थिक दंड, 3(1)(डब्ल्यू)(1(11) एससी-एसटी एक्ट में तीन वर्ष कारावास एवं 5000 रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। जुर्माना की राशि जमा होने पर पीड़िता को देने का निर्देश दिया गया है।