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    आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए एक और पैंतरा, अब पेड़ पर लटकाया जा रहा बकरे का मांस

    By Deepak sinhaEdited By: Prateek Jain
    Updated: Sun, 15 Jan 2023 09:04 PM (IST)

    आदमखोर तेंदुआ बैरिया के बाद भंडरिया वन क्षेत्र के अधीन रमकंडा के कुशवार गांव में शनिवार की रात पहुंच गया। ग्रामीणों ने गांव के प्रधान टोला स्थित पुलिया के समीप खेतों से छलांग लगाकर पेड़ों पर चढ़ते हुए शिकारी तेंदुए को देखने पर वन विभाग को सूचना दी।

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    आदमखोर तेंदुआ बैरिया के बाद भंडरिया वन क्षेत्र के अधीन रमकंडा के कुशवार गांव में शनिवार की रात पहुंच गया।

    रमकंडा (गढ़वा), संवाद सूत्रआदमखोर तेंदुआ बैरिया के बाद भंडरिया वन क्षेत्र के अधीन रमकंडा के कुशवार गांव में शनिवार की रात पहुंच गया। ग्रामीणों ने गांव के प्रधान टोला स्थित पुलिया के समीप खेतों से छलांग लगाकर पेड़ों पर चढ़ते हुए शिकारी तेंदुए को देखा। रविवार को वन विभाग के अधिकारियों की जांच में पेड़ों पर उसके नाखून के निशान के अलावा तीन जगहों पर उसके फुटमार्क मिलने की पुष्टि हुई है।

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    तेंदुआ के कुशवार गांव में आने की सूचना के बाद रविवार को गढ़वा के वन संरक्षक सह उतरी क्षेत्र के डीएफओ दिलीप यादव, गढ़वा दक्षिणी वन क्षेत्र के डीएफओ शशि कुमार, शूटर नवाब शपथ अली खान व उनकी टीम ने कुशवार गांव पहुंचकर ग्रामीणों से मामले की जानकारी ली। साथ ही पेड़ एवं खेतों में तेंदुआ के फुटमार्क की पुष्टि की।

    ग्रामीणों ने तेंदुआ दिखने पर वन विभाग को किया सूचित

    टीम को गांव के ही मंसूर मंसूरी ने बताया कि शनिवार की रात करीब सात बजे बलिगढ़ से लौटने के दौरान किसी जानवर के खेत से छलांग लगाकर पेड़ों पर चढ़ने की आवाज सुनाई दी। इसी जगह अपने घर पहुंचकर अन्य ग्रामीणों के साथ टार्च लेकर इसकी खोजबीन की तो आराम से पेड़ पर बैठकर शिकार के इंतजार में था। इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई, लेकिन थोड़ी देर बाद तेंदुआ वापस जंगलों में निकल गया।

    फुटमार्क की जांच करने पहुंची टीम ने ग्रामीणों को जागरूक किया। वहीं, वन विभाग को सहयोग करने की बात कही। ग्रामीणों ने टीम को बताया कि रात में वापस जंगलो की ओर लौट जाने के बाद दोबारा अहले सुबह में गांव पहुंचा। लेकिन इन दिनों सजग रह रहे लोग व पशुओं पर निगरानी रखने के कारण तेंदुआ ने जानमाल को नुकसान नहीं पहुंचाया।

    मालूम हो कि रविवार की रात तेंदुआ के देखे जाने वाली जगह से थोड़ी दूर पर ही नौ दिनों से आटोमेटिक पिजंरा लगाया गया है। लेकिन अब तक तेंदुआ पिंजरे की ओर नहीं गया है। अक्सर उसके पिंजरे के आस-पास से गुजरने की पुष्टि हो रही है।

    जंगल किनारे के पेड़ों पर मांस लटका रही टीम

    शातिर हो चुके तेंदुआ को ट्रेंकुलाइज या कैद करने के लिए शूटर की टीम व वन विभाग के अधिकारी रोज नई तरकीब अपना रहे हैं। शनिवार की देर शाम से टीम ने जंगलों किनारे पेड़ो पर रस्सी के सहारे मांस का टुकड़ा लटकाना शुरू किया है। टीम को उम्मीद है कि बकरे का मांस की खुशबू से तेंदुआ के आने की उम्मीद है। इससे उसे ट्रेंकुलाइज किए जाने में सफलता मिल सकती है। इसके पहले शूटर की टीम ने पिंजरे में कुत्ता व सुअर के अलावे मुर्गा भी रख रही है। वहीं, खुले में भी सुअर के रखने की तरकीब अपनाई जा चुकी है। लेकिन अभी तक सभी प्रयास असफल हो रहे हैं।

    तेंदुआ वयस्क और शातिर है : सीएफ

    वन संरक्षक दिलीप यादव ने तेंदुआ के फुटमार्क होने की पुष्टि करते हुए कहा कि आदमखोर तेंदुआ वयस्क है। आदमखोर होने के साथ-साथ वह शातिर भी है। फिलहाल कैद होने तक उससे बचाव करना बेहद जरूरी है। विभाग उसे कैद करने का हर संभव प्रयास कर रहा है।