जहां लिखा है थूकना मना है वहीं पर थूक रहे हैं लोग
फोटो- 11- समाहरणालय परिसर दीवार पर थूंकने का निशान संवाद सहयोगी गढ़वा समाहरणालय परिसर में पूर्व की तुलना में साफ सफाई की व्यवस्था बेहतर हुई है। विकास भवन ए व बी में स्थित विभिन्न कार्यालयों में साफ सफाई का कार्य सुचारू रूप से होता है। मगर लोगों के जागरूक नहीं होने के कारण इनके द्वारा स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखाया जा रहा है। समाहरणालय
गढ़वा: सरकारी कार्यालय तथा कार्यालय परिसर स्वच्छ और सुंदर हो इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर लंबे समय से कवायद की जा रही है। लेकिन इस कवाय का सार्थक परिणाम नहीं दिख रहा। लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं। स्वच्छता को लेकर सारी कवायद पर ऐसे लोग पानी फेर दे रहे हैं। पान-गुटका,खैनी आदि खाकर जहां-तहां थूकने की प्रवृति में सुधार नहीं देख रहा है। हद तो तब हो जाती है जब जहां यह लिखा हुआ है कि थूकना यहां मना है, वहीं पर लोग बेफ्रिक हो कर थूक देते हैं। लिखने का कोई असर नहीं दिखता है। हालांकि समाहरणालय परिसर में में पूर्व की तुलना में साफ सफाई की व्यवस्था बेहतर हुई है। विकास भवन ए व बी में स्थित विभिन्न कार्यालयों में साफ सफाई का कार्य सुचारू रूप से होता है। मगर लोगों के जागरूक नहीं होने के कारण इनके द्वारा स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखाया जा रहा है। समाहरणालय परिसर में विभिन्न कार्यालय के सामने, सीढ़ी व अन्य स्थानों पर स्वच्छता से संबंधित चेतावनी लिखी गई है। लेकिन लोग इसका अनुपालन नहीं कर रहें हैं। सबसे खराब स्थिति समाहरणालय के विभन्न तल्लों पर चढ़ने के लिए बनाई गई सीढी के आस-पास है। सीढ़ी के पास लिखा गया है यहां थूंकना मना है मगर लोग लिखी गई चेतावनी के नीचे ही पान का पीक थूंक दे रहें है। प्रशासन की चेतावनी की अनदेखी कर लोग आदेश का सरेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इतना ही नहीं जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग के बगल में, जिला कल्याण विभाग के सामने तथा डीआरडीए कार्यालय के बगल में स्थित टॉयलेट रूम से आ रही बदबू स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ाती दिखती है। इस तरह से गुजरने वाले लोगों को अपनी नाक पर रूमाल रखकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में यदि इन दो बातों पर ध्यान दे दिया जाए तो समाहरणालय परिसर में पूर्व की तुलना में स्वच्छता अभियान को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
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