शंख ध्वनि से घर में नकारात्मक शक्तियों का नहीं होता है प्रवेश : चंचल दास
शंख ध्वनि होने से घर में जहां नकारात्मक शक्ति का प्रवेश नहीं होता शंख ध्वनि होने से घर में जहां नकारात्मक शक्ति का प्रवेश नहीं होता शंख ध्वनि होने से ...और पढ़ें

मेराल: पृथ्वी पर जब-जब ब्राह्मण, ऋषि महर्षि, देवी देवता, संत महात्मा, गौ माता, इंसान इत्यादि पर विपत्ति आती है एवं धर्म की हानि तथा अधर्म की बढ़ोतरी होती है, तब-तब ईश्वर इन सभी की रक्षा के लिए अपनी इच्छा अनुसार मनुष्य रूप धारण कर अवतरित होते हैं। उक्त बातें महात्मा श्री सुबोध चंचल दास जी ने शुक्रवार को लातदाग में प्रवचन के दौरान श्रोताओं को राम जन्म का महत्व बताते हुए कही। उन्होंने कहा कि ईश्वर अपने आयुध से काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर आदि दुर्गुणों का नाश करते हैं। चंचल दास जी ने महाराज दशरथ जी के घर राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के जन्म से संबंधित प्रसंग की जीवंत व्याख्या की। एक अन्य प्रसंग के दौरान उन्होंने लोगों को बताया कि हर घर में प्रतिदिन शंख ध्वनि होनी चाहिए। शंख ध्वनि होने से घर में जहां नकारात्मक शक्ति का प्रवेश नहीं होता, वहीं पूर्व से व्याप्त नकारात्मक शक्ति का नाश भी होता है। उन्होंने बताया कि शंख में दूध रखकर अगले दिन पीने से स्त्री का बांझपन दूर होता है। इसके अतिरिक्त शंख में रखा हुआ पानी पीने से इंसान का हकलापन तथा तोतलापन भी खत्म हो जाता है। प्रवचन के दौरान महात्मा जी द्वारा महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किस तरीके से रहना चाहिए। इसकी चर्चा के दौरान महाभारत काल में उत्तरा के गर्भ में पल रहे अभिमन्यु का उदाहरण देते हुए कहा कि आपके विचार, आहार-विहार, जीवनशैली, रहन-सहन, खानपान आदि का सीधा प्रभाव गर्भ में पल रहे नवजात पर पड़ता है। इसलिए इस दौरान महिलाओं को अपनी हर गतिविधि पर सावधानी रखनी चाहिए। मौसम अत्यंत खराब होने के बाद भी प्रवचन सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हो रहे हैं। प्रवचन प्रतिदिन दोपहर दो बजे से शाम 4 बजे तक किया जा रहा है।

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