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    रिटायर परियोजना पदाधिकारी से 45,000 की ठगी, साइबर अपराधियों ने 'दोस्त' बनकर लगाया चूना

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 04:06 PM (IST)

    गढ़वा में सेवानिवृत्त परियोजना पदाधिकारी रामचंद्र कश्यप साइबर ठगी का शिकार हुए। एक अनजान कॉलर ने खुद को उनका मित्र बताकर गूगल पे के माध्यम से 45 हजार रुपये ठग लिए। कॉलर ने अस्पताल में भर्ती होने का बहाना बनाकर पैसे मांगे थे। बाद में, कश्यप जी को पता चला कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

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    रिटायर परियोजना पदाधिकारी से 45,000 की ठगी

    जागरण संवाददाता, गढ़वा। शहर के राकी मुहल्ला निवासी सेवानिवृत्त परियोजना पदाधिकारी, रामचंद्र कश्यप को झांसा देकर साइबर अपराधियों ने इनके गुगल पे से 45 हजार रुपये उड़ा लिए।

    रामचंद्र कश्यप ने बताया कि इनके मोबाइल पर 20 नवंबर की शाम करीब 3:36 बजे इनके मोबाइल पर एक अनजान व्यक्ति ने 9039 53 6396 से फोन किया। फोन पर कॉलर ने बोला कि हेलो सर जी नमस्ते, मैं आपका पुराना मित्र हूं।आवाज से पहचानिए, हमें पहचाना की नहीं। 

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    उसके द्वारा यह बातें बार-बार कहने पर इन्हें लगा कि अपने परिचित रवि मिश्रा हैं। जब इन्होंने पूछा कि क्या आप मिश्रा जी हैं, इस पर उसने कहा कि बिल्कुल ठीक पहचाना।

    इसके बाद उसने रामचंद्र कश्यप से कहा कि मेरे करीबी अस्पताल में भर्ती है और उनको मुझे पैसा भेजना जरूरी है। मेरे गूगल फोन पे से पैसा नहीं जा रहा है। मैं आपके फोन पे पर 45000 रुपये भेज रहा हूं, इसको मेरे बताएं नंबर पर कृपया भेज दें। 

    अज्ञात कॉलर ने किया कॉल

    इसके बाद उस अज्ञात कॉलर में कश्यप जी के फोन पर 45000 रुपया भेजने का मैसेज भेज दिया और कहा कि उसे अपने गूगल फोन पर से मोबाइल नंबर 79871 75067 पर ट्रांसफर कर दें। इसके बाद रामचंद्र कश्यप ने अपना बैलेंस चेक किए बिना ही मैसेज देखकर उनके द्वारा बताए गए मोबाइल पर पैसा ट्रांसफर कर दिए। 

    उसके बाद फिर से उस अज्ञात व्यक्ति ने इनके मोबाइल पर 54 हजार रुपये का मैसेज भेजा और कहा कि इस राशि को भी इस नंबर पर भेज दीजिए । कश्यप जी ने पुनः राशि फोन पे के माध्यम से भेजने का प्रयास किया। लेकिन जब पैसा नहीं गया तो उसने कहा कि थोड़ा-थोड़ा करके डालिए चला जाएगा। उसके बाद में भी उसके द्वारा स्कैन कोड भेजा गया और कहा गया कि इस पर डालिए।

    पोता ने किया फ्रॉड का खुलासा

    इसी बीच अचानक उनका बेटा और पोता आया। इन्हें पोता ने समझाया कि दादाजी आपके साथ फ्रॉड हो गया है। उन्होंने कॉलर से कहा कि आप दोबारा जो पैसा भेजे हैं वह नहीं जा रहा है। जब यह अपना अकाउंट चेक किया तो कोई पैसा नहीं आया था, इनका पैसा ही 45 हजार रुपया चला गया था।

    ठगी का एहसास होने के बाद जब कश्यप जी ने वास्तव में रवि मिश्रा से बात किया तो उन्होंने कहा कि मैं तो आपको फोन नहीं किया हूं। इसके बाद उन्होंने साइबर थाना में शिकायत किया तथा 1930 पर नंबर पर क्राइम ब्रांच में भी फोन करके सूचना दिया।

    झारखंड पेंशनर्स कल्याण समाज को दी जानकारी

    इन्होंने इसकी जानकारी झारखंड पेंशनर्स कल्याण समाज गढ़वा के अध्यक्ष के के यादव को फोन करके दी। के के यादव ने तत्काल स्थानीय एसबीआई के मुख्य शाखा प्रबंधक को वास्तविक स्थिति से अवगत कराते हुए जानकारी दिया। साथ थी इस पर शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया। 

    बैंक से जानकारी लेने पर पता चला कि जो खाता नंबर मिला था वह पंजाब नेशनल बैंक का खाता है। के के यादव ने कहा कि आए दिन लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। प्रत्येक दिन टीवी में प्रचार आता है फिर भी लोग सतर्क नहीं हो रहे हैं।