मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में करोड़ों का फर्जीवाड़ा उजागर, आपूर्तिकर्ता ने खुद व 22 परिवार वालों को बनाया लाभुक
गढ़वा जिले में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में आपूर्तिकर्ता उपेंद्र यादव ने स्वयं और अपने परिवार के 22 सदस्यों को लाभान्वित कर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया। उसने विभिन्न योजनाओं में अपने रिश्तेदारों के नाम पर लाभ उठाया, जबकि सामग्री आपूर्ति को फर्जी दिखाया। गव्य विकास विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ। जिला गव्य विकास पदाधिकारी ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में करोड़ों का फर्जीवाड़ा
संदीप केसरी शौर्य, गढ़वा। जिले में एक से बढ़कर एक कारनामा देखने को मिल रहा है। विभिन्न विभागों घोटाले किए जा रहे हैं। गव्य विभाग घोटालों के मामले में सबसे आगे निकल गया है। विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में आपूर्तिकर्ता ने स्वयं लाभुक बनकर नया कारनामा कर दिया है।
आपूर्तिकर्ता स्वयं लाभुक बना ही साथ ही अपने परिवार के 22 सदस्यों को भी योजना का लाभ दिला दिया। मामला उजागर होने के बाद जिले में हड़कंप मचा हुआ है।
आपूर्तिकर्ता जिले के रमना के मड़वनिया गांव निवासी उपेंद्र यादव का रहने वाला है। सभी लाभुक एक ही गांव रमना के मड़वनिया के रहनेवाले हैं। मामला योजना के तहत करोड़ों रूपये के घोटाला का है।
स्वयं के नाम से चार बार
गव्य विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वितीय साल 2019-20, 2020-21, 2021-22 एवं 2023-24 में आपूर्तिकर्ता उपेंद्र यादव द्वारा स्वयं के नाम से चार बार, पत्नी सुषमा देवी को पांच बार, भाई महेंद्र यादव के नाम पर चार बार, भाई सुरेंद्र यादव के नाम पर तीन बार, भौजाई अनिता देवी के नाम पर दो बार, भौजाई प्रमिला देवी के नाम पर दो बार, मां कौली कुंवर के नाम पर एक बार एवं एक अन्य रिश्तेदार विजय यादव की पत्नी प्रतिमा देवी के नाम पर एक बार योजना का लाभ लिया है।
एक ही परिवार के लाभुक होने से इसमें गव्य विकास विभाग के जिला स्तर के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की मिलीभगत जाहिर हो रही है। इसमें आपूर्तिकर्ता ने विभाग की योजनाओं में अपने रिश्तेदारों का नाम डाला और फिर राशि की निकासी कर ली। जबकि सामग्री की आपूर्ति को फर्जी दिखलाया गया है।
दो बार पांच-पांच गाय की योजना
आपूर्तिकर्ता उपेंद्र यादव की ओर से अपने रिश्तेदारों के नाम पर जिन योजनाओं का लाभ लिया गया है। उनमें दो बार पांच-पांच गाय की योजना, दो गाय की योजना, फाडर गोदाम, दो डीप बोरिंग, काउ मैट, फाडर कटिंग मशीन, पनीर खोआ मेकिंग यूनिट, जैविक खाद यूनिट, विद्युत चालित चारा मशीन, हस्त चालित चारा मशीन, मिल्किंग मशीन, वर्मी कंपोस्ट आदि योजनाओं का नाम शामिल है.
मामले की जानकारी ले रहे हैं । सूची का मिलान कर जांच करेंगे इसके बाद ही पुष्टि कर सकेंगे। अभी वे वोट करने विधानसभा चुनाव में बिहार आ गए हैं। मामला जब का है उस समय उनकी पदस्थापना यहां नहीं थी। मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषी पर निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे।-गिरीश कुमार, जिला गव्य विकास पदाधिकारी

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