एनेस्थिसिया विशेषज्ञ के अभाव में लटके दो ओटी
दुमका एनेस्थिसिया विशेषज्ञ के अभाव में दुमका मेडिकल कॉलेज ऑफ हास्पिटल में तीन माह से एक भी बड़ा ऑपरेशन नहीं हुआ है। जरा सा गंभीर मामला आने पर मरीज को आनन फानन रेफर कर दिया जाता है। इतना ही नहीं विशेषज्ञ के अभाव में दो ऑपरेशन थिएटर भी सारी तैयारी होने के बाद भी चालू नहीं हो पा रही है। अब चुनाव के बाद भी विशेषज्ञ के आने की संभावना है।
दुमका : एनेस्थिसिया विशेषज्ञ के अभाव में दुमका मेडिकल कॉलेज ऑफ हास्पिटल में तीन माह से एक भी बड़ा ऑपरेशन नहीं हुआ है। जरा सा गंभीर मामला आने पर मरीज को आनन फानन रेफर कर दिया जाता है। इतना ही नहीं विशेषज्ञ के अभाव में दो ऑपरेशन थिएटर भी सारी तैयारी होने के बाद भी चालू नहीं हो पा रही है। अब चुनाव के बाद भी विशेषज्ञ के आने की संभावना है।
तीन माह पहले ही सदर अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का नाम दिया गया। नामकरण से पहले ही सदर अस्पताल के एक मात्र एनेस्थिसिया विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार सिंह का तबादला हो गया। उनके जाने के बाद सहयोगी डॉ. लखन सोरेन पर सारा दायित्व आ गया। लखन विशेषज्ञ नहीं है। इसलिए वे छोटे-मोटे ऑपरेशन में एनेस्थिसिया सहयोगी के रूप में निभाते हैं लेकिन बड़े ऑपरेशन में उनका सहयोग नहीं लिया जाता है। जिस कारण तीन माह से मेडिकल कॉलेज में एक भी बड़ा ऑपरेशन नहीं हो रहा है। अगर कोई मरीज आ जाता है तो सीधे विशेषज्ञ न होने का हवाला देकर रेफर कर दिया जाता है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग से एक एनेस्थिसिया की मांग करते हुए एक माह पहले ही खत लिखा लेकिन आज तक उसका जवाब नहीं आया।
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दो ऑपरेशन थिएटर भी नहीं हो रहे चालू
मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने के बाद अस्पताल में दो और ऑपरेशन थिएटर खुलने हैं। पहले से एक ओटी चल रहा है। थिएटर के लिए सारी मशीन आ चुकी है। एक प्रकार से सारी तैयारी है, लेकिन एनेस्थिसिया विशेषज्ञ के अभाव में थिएटर चालू नहीं हो पा रहे हैं। दोनों में एक विशेषज्ञ का होना जरूरी है।
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वर्जन
बड़े ऑपरेशन में एनेस्थिसिया विशेषज्ञ की मौजूदगी जरूरी है। विशेषज्ञ के अभाव में अभी बड़े ऑपरेशन बंद हैं। दो ऑपरेशन थिएटर भी चालू नहीं हो पा रहे हैं। सरकार से मांग की गई है। चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण दिसंबर तक विशेषज्ञ मिलने की संभावना कम ही है। विशेषज्ञ मिलने के बाद ही बड़े ऑपरेशन होना शुरू होंगे।
डॉ. रवींद्र कुमार, अधीक्षक, डीएमसीएच, दुमका