लकड़ी सस्ती है... चूल्हे पर बनाओ बच्चों का भोजन, स्कूलों में लापरवाही का आलम
रामगढ़ के एक विद्यालय में सरकार द्वारा गैस सिलेंडर देने के बावजूद लकड़ी के चूल्हे पर मध्याह्न भोजन बनाया जा रहा है। रसोईया ने बताया कि गैस खत्म होने और प्रधानाध्यापक द्वारा लकड़ी सस्ती बताने के कारण ऐसा हो रहा है। शिक्षक सुबोध ठाकुर जिन्हें हटाया गया है अभी भी प्रभार नहीं सौंप रहे और मध्याह्न भोजन योजना संचालित कर रहे हैं।

संवाद सहयोगी, रामगढ़ (दुमका)। सरकार के स्तर से सभी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए चूल्हा एवं गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया गया है, लेकिन इसके बावजूद प्रखंड में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां लकड़ी के चूल्हे पर ही मध्याह्न भोजन बनाया जा रहा है।
प्रखंड के डांड़ो पंचायत के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय डांड़ो ठाकुर टोला में गुरुवार को लकड़ी के चूल्हे पर मध्याह्न भोजन बनाया जा रहा था।
रसोईया उर्मिला देवी ने कहा कि उसने रसोई सिलेंडर का इस्तेमाल कर मात्र एक बार ही खाना बनाई है। गैस खत्म हो जाने के बाद लकड़ी के चूल्हे पर ही खाना बना रही है।
उन्होंने कहा कि कई बार विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक को रसोई सिलिंडर में गैस भरवाने को कहा, लेकिन उनके द्वारा कहा गया कि लकड़ी सस्ती है, इसीलिए लकड़ी के चूल्हे पर ही खाना बनाए।
जानकारी के अनुसार, इस विद्यालय में दो शिक्षक सुबोध ठाकुर एवं तपन कुमार सेन कार्यरत हैं। सुबोध कुमार ठाकुर का शैक्षणिक प्रमाण पत्र गलत होने के कारण उन्हें विभाग ने हटाकर तपन कुमार सेन को प्रभार देने का निर्देश दिया है।
विभाग द्वारा लगभग छह माह पूर्व ही संपूर्ण प्रभार सपन कुमार सेन को सौंपने का निर्देश दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी सुबोध ठाकुर द्वारा अभी तक विद्यालय का प्रभार नहीं सौंपा गया है। उनके द्वारा ही मध्याह्न भोजन योजना भी संचालित जा रहा है।
हालांकि, विभाग ने सुबोध कुमार ठाकुर से किसी प्रकार का रिपोर्ट या कार्य लेना बंद कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद वह प्रतिदिन विद्यालय आकर मध्याह्न भोजन योजना संचालित करते हैं।
उनसे जब लकड़ी के चूल्हे पर मध्याह्न भोजन बनाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आठ माह से मध्यान्ह भोजन योजना के लिए राशन का पैसा नहीं मिला है। उन लोगों का मानदेय भी विभाग द्वारा बंद कर दिया गया है।
इसलिए राशि के अभाव में लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाया जा रहा है। इस मामले में प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी आनंद शंकर मुर्मू ने कहा कि रामगढ़ प्रखंड में लगभग 38 शिक्षकों से विभाग ने सेवा लेना बंद कर दिया है।
केवल एक-दो शिक्षकों द्वारा ही प्रभार सौंपा गया है। विभाग के आदेश के बाद भी प्रभार नहीं सौंपने वाले शिक्षकों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई करने की प्रक्रिया की जा रही है।
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