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कालेश्वर की मौत ने प्रशासनिक व्यवस्था पर उठाए सवाल

जामा : जामा प्रखंड के आसनसोल कुरुवा पंचायत के महुआटांड के कालेश्वर सोरेन (45) की अचानक मृत्यु हो गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 07:30 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 07:30 PM (IST)
कालेश्वर की मौत ने प्रशासनिक व्यवस्था पर उठाए सवाल
कालेश्वर की मौत ने प्रशासनिक व्यवस्था पर उठाए सवाल

जामा : जामा प्रखंड के आसनसोल कुरुवा पंचायत के महुआटांड के कालेश्वर सोरेन (45) की अचानक मृत्यु हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि कालेश्वर की मृत्यु गरीबी, अभाव व भूख से हुई है। कालेश्वर सोरेन की मौत की जानकारी सोमवार को करीब 10 बजे उसके घर के आसपास के ग्रामीणों को हुई। ग्रामीण को अंदेशा है कि रविवार की देर रात ही उसकी मौत हो गई थी। उसके घर के सदस्यों का मानना है कि घर में खाने को पर्याप्त अनाज नहीं रहने के कारण उसकी मौत हुई है।

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मौत की खबर मिलने के बाद प्रखंड प्रशासन रेस

कालेश्वर के मौत की खबर मिलते ही जामा बीडीओ साधु चरण देवगम, सीओ आलोकवरण केशरी, प्रभारी एमओ सह सहकारिता प्रसार पदाधिकारी हरेकृष्ण देव के अलावा भाजपा नेता सुरेश मुर्मू, पंचायत के मुखिया हेमलाल सोरेन, सचिव उज्ज्वल कुमार मिश्र, जेएमएम जामा प्रखंड अध्यक्ष कालेश्वर सोरेन, सचिव सुरेंद्र यादव, दुमका जिला जेएमएम संगठन सचिव सत्तार खान, बीस सूत्री उपाध्यक्ष धनंजय कुमार, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष रामचंद्र खिरहर, समाजसेवी जेपी यादव, कृष्णा सोरेन समेत कई मौके पर पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी ली। ग्रामीणों से जानकारी लेने के बाद मृतक के आश्रितों को राहत सामग्री दिलाने में सहयोग किया और दाह संस्कार करने के लिए झामुमो ने आíथक सहायता की।

गरीबी में जीवन बसर कर रहा था कालेश्वर

ग्रामीणों ने बताया कि कालेश्वर सोरेन एवं उसका भाई संतानन सोरेन काफी गरीबी में जीवनयापन कर रहे थे। बड़ा भाई सनातन की मौत तो 10 साल पहले ही हो चुका है। उनकी पत्नी संतरी मुर्मू को दो माह पूर्व विधवा पेंशन मिला है और कुछ दिन पहले राशनकार्ड भी बना है। वहीं कालेश्वर की पत्नी का निधन तीन साल पूर्व हो चुका है। ग्रामीणों के मुताबिक अब तक कालेश्वर का राशनकार्ड तक नहीं बन पाया है। वह प्रधानमंत्री आवास योजना से भी वंचित था। कालेश्वर के चार लड़के और एक लड़की में तीन बच्चे बाहर कमाने गए हैं। जबकि लड़की गांव में ही दूसरे के घर में रहकर मवेशी चराने का काम करती है। एक लड़का मंतोष सोरेन मसलिया प्रखंड के जमुनडीह गांव में नाना-नानी के पास रहकर मवेशी चराता है। बेटी मनीषा ने कहा कि वह नाना के घर गई थी।

पड़ोसियों से मांगकर पेट भर रहा था कालेश्वर

मृतक का चचेरा भाई बूली सोरेन का कहना है कि वह सिकटिया में रहता है और उसका चचेरा भाई कालेश्वर अकेले ही अपने घर में रहता था। घर में खाने के लिए कुछ नहीं होने के कारण मांगकर अथवा रिश्तेदार के यहां से खाना मिल जाने पर ही अपना पेट पाल रहा था। वह अकेले ही घर में पड़ा रहता था। कहा कि उसे किसी तरह की बीमारी होने की बात उनलोगों ने नहीं सुना था। उसकी कैसे मौत हुई पता नहीं चला। फूलमनी हांसदा एवं चचेरा भाई धनेश्वर सोरेन ने कहा कि उसका राशनकार्ड नहीं बना था और अकेले ही घर में रहता था। घर में खाने को एक भी दाना नहीं था। वहीं रिश्ते में भांजा सुखलाल सोरेन की पत्नी पंचायत समिति सदस्य मैडोना हेंब्रम ने बताया कि जब खाने को नहीं होता था तो हमारे घर आकर खाते थे। राशनकार्ड बनवाने के लिए प्रखंड कार्यालय में आवेदन भी दिए थे, लेकिन अबतक कार्ड नहीं बना है। रामेश्वर किस्कू ने कहा कि डीलर बाहर में रहता है। अमीर गरीब परिवार की पहचान प्रशासन को नहीं है। अगर समय पर राशनकार्ड बन जाता तो शायद कालेश्वर की जान बच जाती।

पोस्टमार्टम कराने से परिजनों ने किया इंकार

मौके पर पहुंचे जामा के बीडीओ एवं सीओ ने घटनाक्रम की जानकारी से अवगत होने व परिजनों के आरोप के बाद मौत के कारणों कि पुष्टि के लिए कालेश्वर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने को कहा तो उनके परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से इंकार कर दिया। इधर गांव के ही कुछ ग्रामीणों ने बीमारी से कमजोर होने पर मौत का अंदेशा जताया है। प्रशासन ने ग्रामीणों के लिखित बयान के बाद कालेश्वर के शव की दाह संस्कार करने की अनुमति दी।

प्रखंड प्रशासन ने हरसंभव मदद का दिया भरोसा

बीडीओ साधुचरण देवगम एवं सीओ आलोक वरण केशरी ने कहा कि प्रशासन हर तरह से मृतक के परिवार को मदद करेगा। तत्काल पांच हजार रुपये मुहैया कराया गया है और मुआवजे की राशि बाद में दी जाएगी। इसके अलावा राहत सामग्री में घर को ढकने के लिए तिरपाल की व्यवस्था एक बोरा चावल, दो जोड़ा कंबल और दाह संस्कार के लिए पांच हजार रुपये प्रदान किया गया।

बीडीओ ने कहा कि पता चला कि मृतक एवं आश्रितों का आधार कार्ड और राशन कार्ड भी नहीं बना है और न ही कोई सरकारी सुविधा उपलब्ध कराया गया है। इसलिए तत्काल प्रभाव से इन्हें हरसंभव सरकारी सुविधाएं दी जाएंगी। 15 दिनों के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना से घर तथा बच्चों को शिक्षा विभाग से पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। सीओ ने कहा कि बच्चों को हरसुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। आधार कार्ड बनवाने एवं सरकारी स्कूलों में नाम लिखाया जाएगा। वहीं झामुमो नेता सतार खान ने कहा कि जब घर में एक छटाक अनाज नहीं मिला तो स्थानीय प्रशासन की लापरवाही स्पष्ट है। कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए।


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