झारखंड: आदिवासी बेटी के चित्रकारी के रंग में रंगा पूरा गांव, सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें; DC ने दिए...
दुमका के कठलिया गांव की गीता मरांडी ने अपनी चित्रकला से पूरे गांव को कुछ इस तरह सजाया कि उसकी कलाकारी की राज्यभर में चर्चा होने लगी। गीता मरांडी की इस कलाकारी की भनक सोशल मीडिया के माध्यम से दुमका के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला को भी लगी। आदिवासी बेटी की प्रतिभा को देखते हुए उपायुक्त ने जिले के अधिकारियों को कॉलेज में उसके नामांकन समेत कई आदेश दिए हैं।

राजीव, दुमका: दुमका के कठलिया गांव की आदिवासी किशोरी गीता मरांडी ने अपनी चित्रकला से पूरे गांव को कुछ इस तरह से सजाया कि उसकी कलाकारी की पूरे राज्य में चर्चा होने लगी। गीता मरांडी की इस कलाकारी की तस्वीरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। सभी गीता के इस हुनर की जमकर तारीफ कर रहे हैं। इस कलाकार बेटी के बारे में दुमका के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला को भी सोशल मीडिया के माध्यम से भनक लगी।
सोशल मीडिया पर आदिवासी बेटी की इस चित्रकारी को देख उपायुक्त ने अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से गीता मरांडी के शिक्षण एवं स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए कॉलेज के साथ छात्रावास में नामांकन की व्यवस्था करने आदेश दिया है।
कॉलेज में नामांकन कराने का दिया आदेश
उपायुक्त ने किशोर स्वजन को उनकी अहर्ता के अनुसार सरकारी योजनाओं के लाभ से जोड़ने का भी निर्देश दिया है। बहरहाल, उपायुक्त के निर्देश पर मसलिया प्रखंड के बीडीओ ने मसलिया के प्लस टू विद्यालय से इंटर की पढ़ाई पूरी करने वाली गीता का नामांकन दुमका के एसपी महिला कॉलेज में कराने और छात्रावास की व्यवस्था के लिए हरसंभव मदद का भराेसा दिया है।
आदिवासी किशोरी गीता मुंडा और उनकी बहन। जागरण
बड़ी बहन को जेएसएलपीएस में बतौर कैडर जोड़ने की पहल
इसके अलावा, उसकी बड़ी बहन को जेएसएलपीएस में बतौर कैडर जोड़ने की भी पहल की जाएगी। गीता की पैतृक जमीन पर मनरेगा से एक कूप बनाने की भी स्वीकृति दी जा रही है। जानकारी के मुताबिक, गीता के पिता सरकार मरांडी परदेश में मजदूरी करते हैं जबकि मां गृहणी है।
चित्रकारी करती गीता मुंडा। जागरण
गीता ने गांव के एक-एक दीवार पर की है आकर्षक चित्रकारी
दुमका जिला से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर आदिवासी बाहुल्य कठलिया गांव में रहने वाले किशोरी गीता मरांडी ने गांव के एक-एक घर की दीवार पर आकर्षक चित्रकारी कर सबको चौंका दिया है। इस गांव का कोई दीवार रेल का डब्बा दिखता है तो कई फूल-पत्तियों से हरा-भरा आकर्षक दीवार।
कई दीवारों पर आदिवासी कला व संस्कृति की भी झलक है। गीता के इस काम में उसकी सहेलियों ने भी बखूबी साथ दिया है। इस काम में उसका साथ देने वाली सहेलियों में पूजा हेंब्रम व सोनी हेंब्रम शामिल है।
गीता द्वारा की गई पेंटिंग। जागरण
पिता ने तस्वीर भेज पूछा था, क्या तुम ऐसी तस्वीर बना सकती हो
गीता के पिता सरकार मरांडी परदेश से एक तस्वीर भेज कर पूछा था कि क्या तुम ऐसी तस्वीर बना सकती हो।इस सवाल पर उसने जवाब दिया कि हां मैं बना सकती हूं। फिर क्या था, पिता के भेजे गए तस्वीर की आकृति को हू-बहू गांव की दीवारों को उकेर दिया।
इतना ही नहीं अपने पिता से प्रेरित गीता को चित्रकारी का ऐसा जुनून चढ़ा कि उसने अपनी दो सहेलियों के साथ मिलकर पूरे गांव की दीवारों पर चित्रकारी कर गांव की तस्वीर ही बदल दी।
अब हाल यह कि इस गांव में दूर-दराज से लोगों का जुटान हो रहा है। दीवारों पर उकेरी गई तस्वीरों को देखकर लोग इस बेटी की तारीफ कर रहे हैं।
गीता मरांडी ने अपनी प्रतिभा को सामने लाकर हर कोई को बेहतर करने की दिशा देने की कोशिश की है। जिला प्रशासन का प्रयास है कि उसे आगे की पढ़ाई के लिए हरसंभव मदद की जाए। उसे स्नातक की पढ़ाई के लिए पाठ्यक्रम की पुस्तकों के अलावा कॉलेज में नामांकन और छात्रावास की व्यवस्था देने की पहल की जा रही है। परिवार को भी सरकार की योजनाओं से जोड़ने का निर्देश दिया गया है।
रविशंकर शुक्ला, उपायुक्त, दुमका
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