Jharkhand News: क्या झारखंड भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं? दुमका के कार्यक्रम में नेताओं के बीच जमकर हुई तू-तू,मैं-मैं
संताल परगना में चुनावी हार के बाद अब संगठनात्मक चुनाव में भी रार छिड़ गई है। दुमका के भाजपा कार्यालय में सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया के दौरान एकमात्र विधायक देवेंद्र कुंवर को भी बैठक में उचित सम्मान नहीं मिला। मंच संचालन को लेकर भी नेताओं के बीच तकरार हुई। प्रदेश मंत्री रविकांत मिश्रा बोलने के लिए मिले दो मिनट के समय से नाराज होकर बैठक से बाहर निकल गए।

जागरण संवाददाता, दुमका। संताल परगना में भाजपा की स्थिति वर्तमान में ठीक वैसी ही है जैसे की 32 दांत के बीच में बेचारी इकलौती जीभ। दरअसल, विधानसभा चुनाव में संताल परगना की 18 विधानसभा सीटों में से मात्र एक सीट जरमुंडी पर भाजपा जीत हासिल कर पाई है। यहां से भाजपा के विधायक देवेंद्र कुंवर निर्वाचित हुए हैं।
BJP के पास एकमात्र गोड्डा सीट
- विधानसभा चुनाव से पूर्व हुए लोकसभा के चुनाव में भी संताल परगना के तीन संसदीय सीटों में से एक सीट दुमका पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है।
- पूर्व में भाजपा के पास दो सीट गोड्डा और दुमका थी, लेकिन अब भाजपा के पास एकमात्र सीट गोड्डा है। अब दो सीट दुमका और राजमहल झामुमो के पास है।
- इन दोनों चुनावों के बाद भाजपा खुद को सांगठनिक तरीके से फिर से मजबूत बनाने की कवायद में लगी है।
नेताओं के बीच रार
इसके लिए सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो गई है। सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही भाजपा के नेता व कार्यकर्ता अपनी-अपनी दांव के हिसाब से खूंट चालें भी चल रहे हैं।
संगठन पर हर एक नेता अपनी पकड़ मजबूत बनाने की जुगत में हैं। खासकर मंडल व जिला स्तर पर अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव को लेकर अभी से ही भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच रार सामने आने लगा है।
नेताओं के बीच दिखी गुटबाजी
मंगलवार की ही बात है, जब दुमका के भाजपा कार्यालय में सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया को लेकर यहां के लिए नियुक्त किए गए संगठन चुनाव पदाधिकारी शैलेंद्र सिंह की बैठक में आपसी तकरार व वर्चस्व को लेकर खूब गुटबाजी हुई।
एक बड़े भाजपा नेता ने कहा कि लोग भाजपा को पार्टी विद् डिफरेंस के नाम से जानते हैं, लेकिन दुमका में डिफरेंस ही डिफरेंस है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को बैठक के दौरान जो कुछ भी हुआ वह बयां करने लायक नहीं है।
विधायक देवेंद्र कुंवर को नहीं मिली प्राथमिकता
स्वार्थ व स्वहित की राजनीति करने वाले कुछ नेता यह भी भूल गए कि बैठक में न सिर्फ बोलने के लिए बल्कि बैठने के लिए वरीयता क्रम भाजपा में परिपाटी रही है।
बैठक में इस परिपाटी को दरकिनार कर संताल परगना के एकमात्र भाजपा विधायक देवेंद्र कुंवर को भी मुख्य डायस के बजाए किनारे बैठा दिया गया था। जबकि डायस पर पूर्व सांसद सुनील सोरेन और सीता सोरेन की तरह ही देवेंद्र कुंवर को भी बैठाना चाहिए था।
इससे न सिर्फ विधायक देवेंद्र कुंवर के मनोभाव पर नाराजगी झलकी बल्कि उनके समर्थकों को भी यह नागवार लगा। इतना ही नहीं मंच संचालन को लेकर जिला के उपाध्यक्ष बबलू मंडल व महामंत्री मनोज पांडेय के बीच खींचतान हुई, लेकिन बाद में मनोज पांडेय ने कदम पीछे खींच लिया।
प्रदेश मंत्री को मिला 2 मिनट का समय
हद तो तब हो गई जब मंच का संचालन कर रहे बबलू मंडल ने संबोधन करने की मियाद दो मिनट तय करते हुए प्रदेश मंत्री रविकांत मिश्रा को आमंत्रित किया।
बोलने की समय सीमा तय किए जाने से रविकांत मिश्रा हत्थे से उखड़ गए और बिना संबोधन किए ही कमरे से बाहर निकल गए। कमरे से बाहर जमा कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच उन्होंने बबलू मंडल के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
भाजपा के एक दूसरे नेता ने भी नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि अभी तो सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया बूथ स्तरीय है। जब मंडल और जिला अध्यक्ष के चुनाव की बारी आएगी तो माहौल इससे ज्यादा तीखा व गुटबाजी भी उभर कर सड़क पर आ सकती है।
वैसे अब तक की जानकारी के मुताबिक दुमका में भाजपा जिला अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार अपने तरीके से गोटियां फिट करने में जुट गए हैं ।
हालांकि, एक भाजपा कार्यकर्ता का यह भी कहना है कि समय नजदीक आने पर परिस्थितियां भी बदल जाएगी और चुनाव अनुशासित व ठीक ढंग से संपन्न करा लिया जाएगा।
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