झारखंड की 4 नई सड़कें पर्यटन को देंगी बढ़ावा, बासुकीनाथ समेत इन धार्मिक स्थलों तक होगी कनेक्टिविटी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चार नई सड़कों का उद्घाटन किया। इन सड़कों से देवघर, बासुकीनाथ और रजरप्पा जैसे धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी। सरकार का मानना है कि धार्मिक पर्यटन राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

झारखंड में चार नई सड़कों का उद्घाटन। फाइल फोटो
राजीव, दुमका। एयरपोर्ट परिसर में सोमवार को आयोजित झारखंड स्थापना की रजत जयंती समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पथ निर्माण विभाग की जिन पथों का उद्घाटन किया है, उसकी महत्ता खास है।
इन पथों का सीधा सरोकार यहां की धार्मिक-पर्यटन को बढ़ावा देने से जुड़ा है। इसमें एक पथ जामा प्रखंड के प्रसिद्ध शिव मंदिर सिरसानाथ, दूसरा पथ जरमुंडी प्रखंड के सुखजोरा नागनाथ मंदिर, तीसरा पथ सरैयाहाट प्रखंड के ऐतिहासिक मंदिर शुंभेश्वरनाथ मंदिर की यात्रा को सुगम बनाएगी।
खास बात यह कि इन पथों के निर्माण से बासुकीनाथ के आसपास स्थिति तीनों धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी और श्रद्धालु अब सहजता से बासुकीनाथ में पूजा के उपरांत शिव के इन मंदिरों में भी जाकर दर्शन-पूजन कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका शहरी क्षेत्र से सटे ऐतिहासिक राजकीय जनजातीय हिजला मेला के दौरान जाम की समस्या से स्थायी निदान के उद्देश्य से बनाई गई इंटरमीडिएट लेन पथ का भी उद्घाटन किया है।
इससे हिजला मेला के दौरान लगने वाली जाम की समस्या खत्म होगी। इसके अलावा समारोह में मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति को तेज करने व आर्थिक संपन्नता बहाल किए जाने के उद्देश्य से तीन पथों का शिलान्यास किया है।
इसमें पहली सड़क रानीश्वर प्रखंड के टोंगरा से महेशबथान वाया जयतारा पथ है। इस पथ की लंबाई 21.619 किलोमीटर है और इसकी प्राक्कलित राशि 1662.709 लाख रुपये है।
दूसरी सड़क बरमसिया पीडब्ल्यूडी पथ से शहरघाटी तक बनेगी। इसकी लंबाई 8.130 किलोमीटर और प्राक्कलित राशि 4493.318 लाख रुपये है। तीसरी सड़क जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री ने किया है वह करमाटांड से भोगतानडीह पथ है। इसकी लंबाई 7.775 किलोमीटर है और प्राक्कलित राशि 3581.442 लाख रुपये है।
उद्घाटन किए गए नवनिर्मित पथों से श्रद्धालुओं की राह हुई आसान
जामा प्रखंड में जामा-बारापलासी व मयूराक्षी नदी पर पुल निर्माण होने से जामा, आसनजोर, पलासी, गजंडा, लकड़दीवानी एवं महुलबना व आसपास के ग्रामीणों का सीधा लाभ मिलेगा।
दो लेन वाले इस पथ की लंबाई 5.975 किलोमीटर है और इसकी लागत 6060.200 लाख रुपये है। इस पथ की खासियत यह कि यह न सिर्फ जामा प्रखंड के सिरसानाथ मंदिर तक जाने की राह सुगम बनाएगा बल्कि जामा प्रखंड से इसका सीधा संपर्क
दुमका-भागलपुर मुख्य पथ से हो जाएगा। इस पथ के छठे किलोमीटर पर सिरसानाथ मंदिर स्थित है। जबकि पथ के बन जाने से जामा प्रखंड से पलासी पंचायत की दूरी 15 किलोमीटर घट जाएगी।
बासुकीनाथ-जरमुंडी को ट्रैफिक जाम से दिलाएगा मुक्ति
एनएच-114 ए पर बना डेंगीडीह-बनवारा-डोमनडीह पथ की लंबाई 13.025 किलोमीटर है। लागत 4915.870 लाख रुपये है। इंटरमीडिएट लेन इस पथ के बन जाने से डेंगाडीह, बनवारा, फेटका, खुटहरी एवं बांधडीह व इसके आसपास के ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा होगी।
इस पथ का निर्माण बासुकीनाथ धाम के पश्चिमी क्षेत्र में बाइपास के तौर पर कराया गया है। यह पथ दुमका-देवघर मुख्य पथ को दुमका-भागलपुर मुख्य पथ को जोड़ता है।
यह पथ बासुकीनाथ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नोनीहाट-बासुकीनाथ-कैराबनी पथ का वैकल्पिक मार्ग भी है, जिसकी वजह से बासुकीनाथ और जरमुंडी में ट्रैफिक जाम से राहत मिल सकेगा। इस पथ के बनने से सुखजोड़ा नागनाथ मंदिर पहुंचना सहज हो गया है।
शुंभेश्वरनाथ मंदिर पहुंचना अब आसान
सरैयाहाट-शुंभेश्वरनाथ मंदिर का पहुंच पथ की लंबाई 4.983 किलोमीटर है। दो लेन वाले इस पथ का पुर्ननिर्माण 3827.942 लाख रुपये की लागत से कराया गया है। अमरी, बेलीढाब, मोतिहारा, धौनी समेत आसपास के गांव इससे लाभान्वित होंगे।
यह पथ जरमुंडी, नीमानाथ बेलदाहा मंदिर सर्किट पथ को सहारा-कोठिया पथ से जोड़ता है। पथ के निर्माण से शुंभेश्वरनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। इसकी वजह से जरमुंडी व सरैयाहाट में अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल सकेगा।
हिजला मेला के दौरान ट्रैफिक जाम से मिलेगा निजात
दुमका का ऐतिहासिक राजकीय जनजातीय हिजला मेला के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या से स्थायी निदान दिलाने के गरज से दक्षिणी दुमका के पुराना दुमका होते हुए हिजला मेला, बाल सुधार गृह पथ, दिशोम गुरु से मोरटंगा पथ को जोड़ने वाली इस पथ की लंबाई 6.75 किलोमीटर है।
इसकी लागत 1470.709 लाख रुपये है। इस पथ के बन जाने से पुराना दुमका, हिजला, मोरटंगा एवं बेदिया व आसपास के गांवों की जनता लाभान्वित होगी।

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