Dumka News: लापता हुए छात्र का 4 दिन बाद शव बरामद, ग्रामीणों ने स्कूल पर बोला हमला
दुमका के रामगढ़ में एक निजी विद्यालय से लापता हुए छह वर्षीय छात्र का शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने आक्रोश में स्कूल में तोड़फोड़ की और रामगढ़-गोड्डा मार्ग को जाम कर दिया। ग्रामीणों ने विद्यालय प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
संवाद सहयोगी , रामगढ़ (दुमका)। दुमका के रामगढ़ थाना क्षेत्र के कुशमाहा बदरा गांव में संचालित संत मोनिका विद्यालय से शनिवार की शाम गायब हुआ छह वर्षीय छात्र का शव बुधवार की दोपहर विद्यालय के बगल में ही एक खेत में मिलने के बाद उसके स्वजन और आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल पर धावा बोलकर जमकर तोड़फोड़ की।
आक्रोशित ग्रामीणों एवं अभिभावकों ने रामगढ़-गोड्डा मुख्य मार्ग को कुशमाहा बदरा गांव के पास जाम कर दिया है। आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय में तोड़फोड़ करते हुए विद्यालय का सारा सामान बीच सड़क पर फेंक दिया है।
स्कूल में तोड़फोड़ की घटना के समय रामगढ़ थाना की पुलिस मौके पर मौजूद थे। अभिभावक एवं ग्रामीण विद्यालय को भी बंद कराने की मांग कर रहे हैं और इस मामले में दोषियों की गिरफ्तारी कर कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
रामगढ़ प्रखंड के धोबा पंचायत अंतर्गत कुशमाहा बदरा गांव में संचालित संत मोनिका विद्यालय से शनिवार शाम से लापता छह वर्षीय छात्र लापता हो गया था। इस मामले में पुलिस द्वारा संचालक पर बच्चा को ढूंढने का दबाव बनाने के कारण सोमवार की देर रात से संचालक विद्यालय में मौजूद सभी बच्चों को घर भेज कर विद्यालय में ताला लगाकर फरार हो गया था।
संचालक गोड्डा जिला के सुंदरपहाड़ी प्रखंड अंतर्गत पांडा गांव का रहने वाला बताया जा रहा है। सोमवार की रात पुलिस जब छानबीन के लिए विद्यालय पहुंची तो विद्यालय में ताला लगा मिला। विद्यालय में कोई भी मौजूद नहीं था।
जिस कुशमाहा बदरा के मैदान में विद्यालय चलता है, वहां पर कुछ दिन से गुलगुलिया लोग अपना डेरा डाले हुए थे। रविवार की अहले सुबह ही गुलगुलिया वहां से अपना डेरा उठाकर चले गए थे।
बच्चों के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन
संत मोनिका विद्यालय के बगल में ही एक और निजी विद्यालय चलता है। इसमें लगभग 500 आदिवासी बच्चे हैं। इस विद्यालय के हॉस्टल में भी बच्चों के सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार का कोई इंतजाम नहीं है। बच्चों को जमीन में सुलाया जाता है। बच्चों के लिए पंखा भी नहीं है। जिस कारण बच्चे रात्रि में खुले बदन में सोते हैं।
इस विद्यालय में शौचालय भी नहीं है। रात में बच्चा स्वयं से दरवाजा खोलकर खुले मैदान में शौच के लिए जाते हैं। यदि वहां से बच्चा कहीं चले जाए तो इसकी जानकारी विद्यालय प्रबंधन को भी नहीं हो पाएगी।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो इस विद्यालय में बच्चों को काफी अमानवीय तरीके से रखा जाता है। इस विद्यालय से भी पूर्व में कई बार बच्चा के भागने का मामला प्रकाश में आ चुका है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी बेखबर
रामगढ़ प्रखंड में दर्जनों जगह पर पैसा कमाने के लिए कई लोगों द्वारा निजी विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। सभी विद्यालय में शिक्षा अधिकार अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन कर हास्टल भी बनाया गया है। जिसमें बच्चों को किसी प्रकार रखकर सिर्फ पैसे की कमाई की जाती है।
कायदे के मुताबिक इन सभी विद्यालय का संचालन के लिए शिक्षा विभाग द्वारा यू डाइस कोड भी दिया जाता है। लेकिन कई विद्यालय में यू डाइस कोड भी नहीं है। इसके बावजूद इस विद्यालय का संचालनकिया जाता है।
वहीं रामगढ़ प्रखंड के शिक्षा विभाग के अधिकारी आज तक इन निजी विद्यालय का कभी भी निरीक्षण नहीं किए हैं। जिनके कारण कुकुरमुत्ता की तरह इन दिनों गांव में निजी विद्यालय का संचालन किया जा रहा है।
हालांकि इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी कमलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि वह स्वयं इन सभी निजी विद्यालय का जल्द ही निरीक्षण करेंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारी को सभी निजी विद्यालय की सूची बनाकर उन्हें देने का निर्देश दिया गया है ताकि उन पर लगाम लगाया जा सके।
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