Sawan 2025: आपको भी घर और कार की है इच्छा? सावन में इस तरह करें रुद्राभिषेक
सावन में श्रद्धालु भगवान शिव की कृपा और मनोकामना पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक कराते हैं। बासुकीनाथ मंदिर के पंडितों के अनुसार 18 प्रकार से रुद्राभिषेक किया जाता है जिससे अनेक लाभ मिलते हैं। जल दही गन्ने का रस शहद और घी से किए जाने वाले अभिषेक विभिन्न मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं और रोगों को दूर करते हैं।

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ (दुमका)। सावन में शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए एवं अभीष्ट मनोकामना (मनचाही इच्छा) के लिए श्रद्धालुओं के द्वारा रुद्राभिषेक कराया जाता है।
बासुकीनाथ मंदिर के पुरोहित पंडित सुबोधकांत झा पार्थो एवं जितेंद्र झा बताते हैं कि भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए कुल 18 प्रकार से रुद्राभिषेक किया जाता है।
उन्होंने कहा कि भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने से अनेक लाभ मिलते हैं। किसी खास मनोरथ की पूर्ति के लिए तदनुसार पूजन सामग्री तथा विधि से रुद्राभिषेक किया जाता है।
रुद्राभिषेक के विभिन्न तरीके
- जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
- असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।
- भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
- धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
- तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
- पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
- रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है।
- ज्वर की शांति के लिए शीतल या गंगा जल से रुद्राभिषेक करें।
- सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
- प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है।
- शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़ बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
- सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
- शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।
- पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
- गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।
- पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करें।
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