Dumka News: हवलदार पर पांच करोड़ की संपत्ति बनाने का आरोप, ED से जांच कराने की मांग
शास्त्रीनगर खिजुरिया की रहने वाली सुमन ने ईडी को भेजे पत्र में कहा है कि झारखंड पुलिस में कार्यरत जिला बल के हवलदार सरगुन हरिजन का मासिक वेतन 50 हजार रुपया है। इस पैसों से परिवार चलाने के बाद भी दोनों ने चंद सालों में अवैध कारोबार के जरिए पांच करोड़ की संपत्ति अर्जित की है। महिला ने ईडी से जांच कराने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, दुमका। गरीबों का अनाज उठाने व मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत दस लाख का ऋण लेकर गाय शेड का निर्माण करने के मामले में विभाग हवलदार सरगुन हरिजन व उसके बेटे मुकेश दास द्वारा उठाए गए लाभ की जांच कर रहा है। अभी विभाग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका था कि सुमन स्वर्णकार नामक महिला ने महिला आयोग की सदस्य ममता देवी से शिकायत करने के बाद दोनों पर आय से अधिक की संपत्ति अर्जित करने का दावा करते हुए ईडी से जांच की मांग की है। महिला ने दिल्ली से लेकर राज्य के अधिकारियों को इसका आवेदन भेजा है।
नगर थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर खिजुरिया की रहने वाली सुमन ने ईडी को भेजे पत्र में कहा है कि झारखंड पुलिस में कार्यरत जिला बल के हवलदार सरगुन हरिजन व बेटे मुकेश दास मूल रूप से गोडडा जिले के मेहरमा प्रखंड के बलबडडा के रहने वाले हैं और वर्तमान में शास्त्री नगर में रहते हैं। सरगुन वर्ष 09 में जिला बल में नियुक्त हुआ। उसका मासिक वेतन 50 हजार रुपया है। इस पैसों से परिवार चलाने के बाद भी दोनों ने चंद सालों में अवैध कारोबार के जरिए पांच करोड़ की संपत्ति अर्जित की है।
सरगुन के अलावा परिवार का कोई सदस्य दूसरा काम नहीं करता है। इसके बाद भी पांच करोड़ की संपत्ति का मालिक बन गया। उसका जरूवाडीह में 20 कटठा में दो मंजिल, खिजुरिया में 30 कटठा में एक और खिजुरिया में ही 20 कटठा जमीन की चारदीवारी खड़ी की है। अभी वह 70 कटठा जमीन का मालिक है। मुकेश दास का बंधन बैंक में खाता है। एक साल में उस खाते से करोड़ों का आदान प्रदान हुआ है। सारा पैसा अवैध कारोबार से एकत्र किया गया है। इसी खाते से कालाधन को सफेद करता है। यह जांच का विषय है। महिला ने अधिकारियों से आग्रह किया है कि हवलदार और उसके बेटे द्वारा अर्जित की गई अवैध संपत्ति पांच करोड़ की उच्च स्तरीय जांच की जाए।
पहले से दो विभाग कर रहे जांच
दस सितंबर को सदर बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने सरगुन के घर जाकर अनाज उठाव की जांच की थी। जिसमें पता चला कि सरगुन की बहू संपन्न होते हुए भी अनाज का उठाव कर रही हैं, जबकि पिता पत्र एक साथ रहते हैं। बीडीओ ने जांच के बाद डीएसओ से कार्ड रद करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद 13 सितंबर को जिला कल्याण पदाधिकारी संजय कच्छप ने भी घर जाकर मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत गाय शेड के लिए गए दस लाख रुपया की जांच की थी। जांच में पता चला कि सरगुन के घर में महज दो ही गाय हैं। उसने किसी तरह के शेड का निर्माण नहीं कराया। इस मामले की जांच चल रही है।
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