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    मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना पर काम तेज, किसानों को इस साल के अंत तक मिलने लगेगी सिंचाई की सुविधा

    दुमका के रानीश्वर प्रखंड में 1313 करोड़ रुपये की लागत से बन रही मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना इस साल के अंत तक किसानों को सिंचाई सुविधा देगी। इस परियोजना से रानीश्वर और मसलिया प्रखंड के 22283 हेक्टेयर भूमि को लाभ होगा। मुरुगुनी में बराज निर्माण से जल संचय बढ़ेगा और तालाबों को भी पानी मिलेगा। किसानों को सालों भर सिंचाई सुविधा मिलने से आय में वृद्धि होगी और पलायन रुकेगा।

    By Rajeev Ranjan Edited By: Krishna Parihar Updated: Tue, 26 Aug 2025 06:00 AM (IST)
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    झारखंड की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना

    राजीव, दुमका। दुमका के रानीश्वर प्रखंड के मुरुगुनी में 1313 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन झारखंड की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना से इस साल के अंत तक किसानों को सिंचाई सुविधा मिलने लगेगी, हालांकि मई 2025 में तैयार होने वाली यह परियोजना अब मई 2026 तक पूरी तरह से बनकर तरह से तैयार होगी, लेकिन विभाग के अभियंताओं के मुताबिक दो डिलीवरी चैंबर के जरिए इस वर्ष के अक्टूबर माह में तकरीबन 6700 हेक्टेयर भू-भाग के लिए सिंचाई सुविधा बहाल हो जाएगी।

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    फिलहाल सिंचाई परियोजना का 87 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इस सिंचाई परियोजना से रानीश्वर व मसलिया प्रखंड के तकरीबन 22283 हेक्टेयर भू-भाग को पंपिंग सिस्टम से सिंचाई सुविधा मुहैया कराने की योजना है। परियोजना के तहत कुल पांच डिलीवरी चैंबर का निर्माण कराया जाना है। तरणी, आनंदपहाड़ी और कालीपाथर में डिलीवरी चैंबर निर्माणाधीन है।

    Dumka Mega Lift Irrigation Project

    निर्माणाधीन डिलीवरी चैंबर

    खेतों को पानी ही नहीं तालाबों को भी मिलेगा नया जीवन

    इस परियोजना के जरिए जल संरक्षण को बढ़ावा देने की भी योजना है। मुरुगुनी के मोहुलघट्टा में बराज निर्माण का काम अंतिम चरण में है। 157.5 मीटर लंबा इस बराज की क्षमता पांच मिलियन क्यूबिक मीटर जल संचय करने की है।

    Dumka Mega Lift Irrigation Project

    अंतिम चरण में हुलघट्टा में बराज निर्माण का काम 

    बराज में कुल 15 गेट का निर्माण होना है जिसमें 10 गेट लग चुका है। शेष पांच गेट लगाए जाने की प्रक्रिया में है। इस परियोजना के तहत मुख्य पाइप लाइन 1000 किलोमीटर तक बिछाया जाना है, जिसमें तकरीबन 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

    इंटरमीडिएट पंप स्टेशन का फ्लोर निर्माण भी कराया जा रहा है। 19 मीटर गहराई वाले इंटेक वेल बनाने का काम चल रहा है। कंट्रोल बिल्डिंग और बिजली आपूर्ति का काम भी पूरा होने के कगार पर है।

    तय ब्लू प्रिंट के मुताबिक इस बराज के माध्यम से ही आउटलेट पाइप लाइन के जरिए रानीश्वर और मसलिया के 226 गांवों में स्थित बड़े तालाबों में पानी भरकर इसे भी रिचार्ज किया जाएगा। इसके अलावा इस बराज की वजह से अंडर ग्राउंड वाटर लेवल का रेंज भी बढ़ेगा।

    सालभर किसानों को मिलेगी सिंचाई सुविधा

    सिंचाई विभाग की ओर से इस परियोजना के तहत जो खाका तैयार किया गया है उसके मुताबिक मसलिया और रानीश्वर किसान धान, दहलन, अरहर, उड़द, मंगू, सरसों, कुल्थी, ग्राउंड नट, रागी, ज्वार, मक्का के अलावा सब्जी व अन्य खाद्यान्नों की भरपूर खेती सालों भर कर पाएंगे। इससे किसानों के आय में वृद्धि होगी। पलायन रुकेगा और हरियाली का दायरा भी बढ़ेगा।

    जमीन अधिग्रहण व मुआवजा वितरण की प्रक्रिया में तेजी

    परियोजना के लिए तकरीबन 573 एकड़ भू-भाग अधिग्रहण किया जाना है जिसमें 358.5 एकड़ भू-भाग अधिग्रहित किया जा चुका है। इसमें गैर मजरुआ लैंड 225.32 एकड़ है, जिसमें 207 एकड़ भू-भाग का अधिग्रहण हो चुका है। वन भूमि 175.88 एकड़ है जिसमें 87.41 एकड़ अधिग्रहित हो चुका है।

    मसलिया-रानीश्वर प्रखंड अंतर्गत मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना के तहत सिंचाई के साथ जल संचयन व संरक्षण भी होना है। खास बात यह कि पाइपलाइन की वजह से जल की बर्बादी नहीं होगी। दूसरा यह कि आउटलेट पाइप के जरिए डैम से आच्छादित होने वाले इलाकों के तालाबों में भी पानी पहुंचाया जाएगा ताकि यह कभी सूखे नहीं। बराज बनने से इस इलाके में जल संरक्षण के साथ ग्राउंड वाटर लेबल में भी बढ़ोत्तरी होगी। उम्मीद है कि अक्टूबर माह के अंत तक दो डीसी से तकरीबन 6700 हेक्टेयर खेतों में पानी सप्लाई शुरू कर दिया जाएगा। -सुनील टुडू, कार्यपालक अभियंता, सिंचाई विभाग, दुमका

    दुमका में क्रियान्वित बड़ी परियोजनाओं का लाभ आमजनों को तय मियाद में मिल सके इसके लिए ऐसी परियोजनाओं के कार्यों को नियत समय पर पूरा कराया जाएगा। अक्टूबर माह के अंत तक राज्य की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना से खेतों सिंचाई सुविधा बहाल हो सके, इसको लेकर गतिविधियां तेज कर दी गई है, जबकि इस परियोजना को पूरी तरह से मई 2026 में पूर्ण करा लेने लक्ष्य तय है। शेष बचे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी गति दी जा रही है। -अभिजीत सिन्हा, उपायुक्त दुमका