मोबाइल के बिना भी हो सकती है दोस्ती? दुमका के युवाओं ने दिया जवाब, शुरू किया ये खास 'बुक क्लब'
दुमका में युवाओं को किताबों से जोड़ने के लिए बुक बैठक नाम की एक अनोखी पहल शुरू हुई है। प्रत्येक 15 दिन में लोग दुमका पार्क में इकट्ठा होकर किताबें पढ़ते हैं और उन पर चर्चा करते हैं। इस पहल के तहत पार्क में एक निशुल्क सामुदायिक पुस्तकालय भी बनाया गया है। इसका उद्देश्य इंटरनेट मीडिया के दौर में पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
राजीव, जागरण दुमका। दुमका में युवाओं, बुद्धिजीवियों व पुस्तक प्रेमियों को पुस्तकों से दोस्ती कराने की अनूठी पहल शुरू हुई है। प्रत्येक 15 दिन के अंतराल पर इनका जुटान तय स्थल पर होता है और यहां ये तमाम लोग पहुंच कर अपनी पसंद की पुस्तकों को पढ़ते हैं। फिलहाल इन लोगों का पसंदीदा स्थल बंदरजोड़ी के निकट स्थित दुमका पार्क है। यहां खुले में बैठ कर ये लोग पुस्तकों का अध्ययन करते हैं।
इस दौरान इनके बीच किसी तरह का संवाद नहीं होता है। पढ़ने की अवधि समाप्त होने के बाद पुस्तक प्रेमी आपस में बातचीत करते हैं। बातचीत भी पुस्तकों व अध्ययन व इनसे जुड़ी जानकारियों पर ही केंद्रित होत है। खास बात यह कि बुक बैठक में कालेज के छात्रों की संख्या काफी उत्साहजनक है। इस दौरान मोबाइल फोन दूर रखते हैं।
उद्देश्य समाज में संवाद व पढ़ने की संस्कृति को बढ़ाना
यह पहल दुमका के वन प्रमंडल पदाधिकारी सात्विक व्यास ने की है। इसे सफल बनाने में एसपी कालेज के हिंदी के व्याख्याता डाॅ.युदवंश प्रणय के अलावा दुमका डायरी इंस्टाग्राम पेज अहम भूमिका में हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य समाज में संवाद और पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देना है। खासकर जब सोशल मीडिया और इंटरनेट की वजह से युवा पीढ़ी किताबों से दूरी बना चुके हैं। आपस में बातचीत करने की कड़ी भी मोबाइलों में उलझता जा रहा है।
ऐसे में पार्क के किसी खुले हिस्से में बैठ कर अपने पसंद की पुस्तकों को पढ़ना और फिर इसकी विशेषता पर बतियाना इस पहल को खास व रोचक बना रहा है। बुक बैठक के जरिए प्रत्येक 15 दिनों में पाठकों, लेखकों, छात्रों और पुस्तक प्रेमियों का एक जगह पर जुटान होना और फिर इनके बीच संवाद से प्रगाढ़ता बढ़ना भी शहर में सकारात्मकता का संचार करता है।
हाथ में पुस्तक लेकर आएं तो दुमका पार्क में फ्री एंट्री
दुमका पार्क में भ्रमण के उद्देश्य से आनेवाले लोगों को एंट्री के लिए शुल्क चुकाना पड़ता है, लेकिन अगर कोई यहां हाथ में किताब लेकर पहुंचे तो उसकी एंट्री निश्शुल्क कर दी गई है। यह व्यवस्था दुमका के वन प्रमंडल पदाधिकारी सात्विक व्यास के स्तर से की गई। इस पहल की बुनियाद को पुख्ता करने के लिए दुमका पार्क में एक निश्शुल्क सामुदायिक पुस्तकालय की भी स्थापना की जा रही है।
यह सामुदायिक पुस्तकालय बन कर पूरी तरह से तैयार हो चुका है। खास बात यह कि यह पुस्तकालय सबके लिए खुला रहेगा। यहां कोई भी आकर पढ़ सकता है। पुस्तक दान कर सकता है और इनका आदान-प्रदान कर सकता है और इसके लिए किसी तरह का शुल्क भी नहीं लगेगा। संदेश यह कि अगर पुस्तक प्रेमी हैं तो कल आइये। पुस्तक पढ़ी है तो अच्छा ओर नहीं पढ़ी तो और भी अच्छा। सुनने के लिए आइये, जुड़ने के लिए आइये पर आइए।
बुक बैठक की परिकल्पना को सार्थक करने के उद्देश्य से दुमका पार्क में एक सामुदायिक पुस्तकालय का निर्माण कराया गया है। यहां कोई भी व्यक्ति आकर अध्ययन कर सकता है। इसके पीछे एकमात्र उद्देश्य यह है कि किताबों से दोस्ती सबके लिए जरूरी है।
-सात्विक व्यास, वन प्रमंडल पदाधिकारी, दुमका
अब तक बुक बैठक की नौ सफल सत्र पूरे हो चुके हैं। खास बात यह कि हरेक बैठक में नए सदस्यों का आगमन होता है। इसमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है। अब तक करीब 100 सदस्य इससे जुड़ गए हैं। दुमका डायरी इंस्टाग्राम पेज इसे लोकप्रिय बनाने में अहम किरदार बना है।
-डाॅ.यदुवंश प्रणय, व्याख्याता, हिंदी संकाय, एसपी कालेज दुमका
दुमका में यह पहल बिल्कुल अनूठा है। इससे युवाओं को न सिर्फ पढ़ने का माहौल मिलेगा बल्कि इसके जरिए पुस्तकों से दोस्ती बढ़ेगी। आने वाले दिनों में यह पहल बड़ा आकार ले यह सबसे अहम है।
-प्रेरणा सिंघल, पुस्तक प्रेमी, दुमका
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