दुर्गा पूजा पर बारिश का कहर, महिला की नाले में गिरकर मौत, मेला-मंडप सुनसान
दुमका में दुर्गा पूजा के उत्साह पर बारिश ने पानी फेर दिया है। दशमी पर सिंदूर खेला और कलश विसर्जन की परंपरा का निर्वहन किया गया। भारी बारिश के कारण शहर के मुख्य नाले में गिरने से एक महिला की मौत हो गई। बारिश से मेला में दुकान लगाने वाले दुकानदार चिंतित हैं। दुकानों में मिठाई खिलौने सहित सभी सामान धरे के धरे रह गए हैं।

जागरण संवाददाता, दुमका। दुर्गा पूजा के उमंग और उत्साह पर बुधवार की शाम से हो रही जोरदार बारिश ने पानी फेर दिया है। गुरुवार की सुबह से लगातार बारिश हो रही है। हालांकि कई पूजा पंडालों में गुरुवार की सुबह दशमी पर सिंदूर खेला और कलश विसर्जन की परंपरा का निर्वहन किया गया।
जबकि भारी बारिश की वजह से शहर के मुख्य नाले में गिरने से एक महिला सबिता शर्मा की बुधवार की देर शाम मौत हो गई। दुमका में बारिश कल देर शाम जबरदस्त बारिश शुरू हुई जो गुरुवार की सुबह में भी जारी है।
गुरुवार को भी सुबह से ही बारिश हो रही है। कभी मूसलाधार तो कभी रिमझिम बारिश हो रही है। इस बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मेला में दुकान लगाए दुकानदारों की भी चिंता बढ़ गई है।
गांधी मैदान में चैतन्य झांकी लिए लिए बनाए गए मुख्य द्वार क्षतिग्रस्त हो गई है। बुधवार को बारिश के कारण लोग मेला घूमने नहीं पहुंच पाए। लोगों की मेला जाने की तैयारी धरी की धरी रह गई। पूजा पंडालों और मेला में भीड़ नहीं हुई।
आज भी उत्साहों पर फिर सकता पानी
विजयादशमी यानी गुरुवार को भी बारिश हो रही है। इस कारण लोग पूजा-अर्चना के लिए दुर्गा मंडपों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसका असर मेला में भी पड़ना तय है। अगर इसी तरह बारिश जारी रही तो आज भी लोग मेला का आनंद नहीं ले पाएंगे।
दुकानदार परेशान, सता रही चिंता
मेला में विभिन्न तरह की दुकान लगाने वाले दुकानदार भी चिंतित है। दुकानों में मिठाई, खिलौने सहित सभी सामान धरे के धरे रह गए हैं। अगर आज भी ऐसी ही स्थिति रही तो उनकी परेशानी और बढ़ जाएगी।
दुकानदारों ने बताया कि पहले दिन के मेले में बिक्री नहीं हुई। कई सामान खराब हो गए। आज मेला का अंतिम दिन है। आज भी यदि बारिश होती रही तो काफी काफी नुकसान होगा। महाजनों से कर्ज और दुकानों से उधार सामान लेकर दुकान लगाए हैं। बिक्री नहीं होगी तो उनका कर्ज कैसे चुकाएंगे।
भगवान इंद्र की आराधना
बारिश रोकने के लिए दुर्गा मंडपों में पुजारी और पंडित भगवान इंद्र से प्रार्थना कर रहे हैं।
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