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    काली मंदिर परिसर को अपवित्र किया, दुमका में दो समुदायों के बीच तनाव, पुलिस कर रही कैंप

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 03:47 PM (IST)

    दुमका के सरैयाहाट स्थित काली मंदिर को अपवित्र करने के बाद दो समुदायों में तनाव है। पुजारी नीलकंठ ने मंदिर परिसर में गंदगी देखी जिसके बाद पुलिस ने गांव में कैंप किया और मामले को शांत करने के लिए मंदिर की सफाई भी करवाई। यह विवाद जनाजा रास्ते और पुरानी रंजिश से जुड़ा है।

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    सरैयाहाट ग्रामीणों से वार्ता करते प्रशासनिक अधिकारी।

    संवाद सहयोगी, सरैयाहाट (दुमका)। दुमका के सरैयाहाट थाना क्षेत्र के बाबूपुर गांव में काली मंदिर परिसर को अपवित्र किए जाने के बाद दो समुदायों के बीच तनाव हो गया है। ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और उन्होंने पुलिस प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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    सूचना मिलते ही जरमुंडी एसडीपीओ अमित कच्छप, अंचलाधिकारी राहुल कुमार सानू और सरैयाहाट, हंसडीहा, रामगढ़, तालझारी और जामा सहित पांच थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई है और गांव में कैंप कर रही है ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे।

    पुजारी ने देखा, पुलिस ने कराई सफाई

    यह घटना शुक्रवार सुबह तब सामने आई, जब मंदिर के पुजारी नीलकंठ सुबह छह बजे साफ-सफाई करने पहुंचे। उन्होंने देखा कि मंदिर परिसर में शौच कर गंदगी फैलाई गई थी। इसकी जानकारी मिलने पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। मामले को शांत करने के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने मिल कर मंदिर में की गई गंदगी को साफ कराया। पुलिस ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि जिसने भी यह किया है, उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई करने के लिए पुलिस ने ग्रामीणों से आवेदन मांगा है। इस मामले में मंदिर के पुजारी की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिसमें पथरा गांव के आठ लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है। इसमें मो. फिदा हुसैन, मिनाज शेख, रूसतम शेख, जाफुदीन शेख, लालबाबू शेख, मुबारक शेख, मेराज आलम एवं जब्बार शेख शामिल है।

    पुरानी रंजिश और रास्ते का विवाद है वजह

    ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना एक पुरानी रंजिश का परिणाम है। कुछ दिन पहले पथरा गांव के हिंदुओं के घर के सामने दूसरे समुदाय के लोगों ने धार्मिक झंडा गाड़ दिया था, जिसके बाद दोनों समुदायों में झगड़ा हुआ था।

    विधायक प्रदीप यादव और प्रशासन की पहल पर मामला शांत हुआ, लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि उनकी कानूनी कार्रवाई की मांग पर कोई कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि दूसरे समुदाय के लोग अपना जनाजा मंदिर परिसर से होकर ले जाना चाहते हैं, जबकि पहले वे तालाब के किनारे से जाते थे। इस रास्ते का विरोध करने पर उन्हें मंदिर तोड़ देने की धमकी भी दी गई थी।

    दो दिन पूर्व उक्त आरोपितों द्वारा धमकी दिया गया था कि इस रास्ते से जनाजा नहीं जाने दिया जाएगा, तो मंदिर को नहीं रहने देंगे। पूरा संदेह है कि उन लोगों ने ही मंदिर परिसर को अपवित्र किया है।

    - नीलकंठ मांझी, मंदिर पुजारी

    दूसरे समुदाय के लोगों की बदमाशी का मुख्य कारण है कि मंदिर परिसर से होकर जनाजा ले जाने से मना करना। पहले वे लोग तालाब साइड से होकर जाते थे। कुछ सालों से मंदिर के रास्ते से जनाजा ले जाते हैं। जिसका विरोध है।

    - विनय प्रसाद, ग्रामीण

    इस गांव में आज तक इस तरह की घटना नहीं घटी थी। यह दूसरे समुदाय के लोगों का काम है। आरोपितों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

    - सुरेश प्रसाद यादव, ग्रामीण

    इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर लिया गया है। जिसमें आठ नामजद आरोपित बनाया गया है। पुलिस इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी कर कानूनी कार्रवाई करेगी। गांव में अभी शांति कायम है। फिर भी पुलिस कैंप कर रही है।

    - अमित कुमार कच्छप, एसडीपीओ जरमुंडी