CPI (ML) ने दुमका में काटी न्याय की फसल, देखता रह गया प्रशासन
Dumka News: भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने दबंगों द्वारा कब्जा किए गए खेत में धान की कटाई की क्योंकि उन्हें प्रशासन से न्याय नहीं मिला। कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ विरोध जताया और खुद ही कदम उठाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि वे प्रशासन से न्याय की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

खेत में धान की कटाई करते भाकपा माले के कार्यकर्ता। (फोटो-जागरण)
जागरण संवाददाता, मसलिया (दुमका)। झारखंड के दुमका जिले के मसलिया प्रखंड स्थित शिकारपुर गांव में रैयत धोधो राय और रधिया घटवाल के वंशजों के बीच वर्षों से चल रहे जमीन विवाद ने सोमवार को नया मोड़ ले लिया। विवादित जमीन पर भाकपा (माले) के नेतृत्व में धोधो राय के वंशजों के हिस्से की जमीन पर बोए गए धान की कटनी की गई।
जानकारी के अनुसार, रधिया घटवालीन के वंशज निमाय राय, भीम राय, नकुल राय, गोकुल राय आदि पिछले 10 से 15 वर्षों से संख्या बल के जोर पर धोधो राय के वंशजों को जमीन पर खेती करने नहीं दे रहे थे। कई बार पंचायत स्तर पर ग्रामीणों और ग्राम प्रधानों की मध्यस्थता में बैठकें हुईं, लेकिन दबंग पक्ष ने फैसले को मानने से इंकार कर दिया।
धोधो राय के वंशजों ने प्रशासन से कई बार लिखित शिकायत की, मगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस पर माले ने धोधो राय परिवार को न्याय दिलाने के उद्देश्य से विवादित खेत में पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में धान की कटनी कराई।
धन कटनी के दौरान पुलिस-प्रशासन चुप रहा। रधिया घटवाल के वंशजों ने धन कटनी रोकने के लिए पुलिस से गुहार लगाई। लेकिन रोकने के लिए पुलिस सामने नहीं आई।
इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी नेता और समर्थक उपस्थित थे, जिनमें जामताड़ा से सुनील राणा, आशा मिर्धा, सुशील मोहली, ममता राणा, सोमलाल मिर्धा, सर्वेसर टुडू, पतन हांसदा, दुमका से बाबूलाल राय, रामेश्वर टुडू, प्रकाश हेंब्रम, देवघर से रघुपति पंडित, जयदेव सिंह, राम सिंह, विरजू रजवार, राजीव सोरेन सहित अन्य शामिल थे। माले नेताओं ने कहा कि जब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा।

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