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    सख्त नियमों के साथ जल्द खुले बासुकीनाथ मंदिर

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 14 Jun 2020 06:03 PM (IST)

    बासुकीनाथ वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर करीब ढाई महीने से अधिक समय से बासुकीनाथ मन्दिर का दरवाजा बंद है। जिला प्रशासन और रा ...और पढ़ें

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    सख्त नियमों के साथ जल्द खुले बासुकीनाथ मंदिर

    संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर करीब ढाई महीने से अधिक समय से बासुकीनाथ मन्दिर का दरवाजा बंद है। जिला प्रशासन और राज्य सरकार कोरोना के संक्रमण को रोकने में लगी है। वहीं देश के कई हिस्सों में बीते आठ जून से काफी छूट दी गई है और धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है। जबकि राज्य में सरकार की ओर से अब तक धार्मिक स्थलों को खोलने की मंजूरी नहीं दी गई है। लेकिन इन सबके बीच लॉकडाउन के कारण लोगों के समक्ष आ रही वित्तिय समस्या और दूसरे प्रदेशों में मिल रही छूट को देखकर बासुकीनाथ मंदिर को भी खोलने की मांग जोर पकड़ने लगी है। वहां के स्थानीय लोग व मंदिर पर आश्रित लोग सख्त दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मंदिर खोलने की मांग कर रहे हैं। कमाने को चले गए लद्दाख

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    बासुकीनाथ मंदिर बंद रहने से मंदिर से जुड़े पंडा,पुरोहित, फूल माला विक्रेता सहित प्रसाद सामग्री विक्रेता व भोजनालय चलाने वालों के सामने आíथक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अब सभी दिहाड़ी मजदूरी के तौर पर यत्र-तत्र भटकते हुए काम करने को मजबूर हो रहे हैं। पेड़ा-प्रसाद बेचने वाले मिथुन कुमार प्रसाद दुकान में काम करने वाले कन्हैयापुर निवासी राजेन्द्र कुंवर, मंदिर में फोटोग्राफी करने वाले राजेन्द्र, दीपक, अमित नामक लड़कों का एक दल शनिवार को दुमका से विशेष ट्रेन के द्वारा लेह-लद्दाख के लिए रवाना हो गया। सरकार ने कमोबेश सभी दुकान खुलवा दिए। क्षेत्र में हाट बाजार बदस्तूर लग रहे हैं। बासुकीनाथ मंदिर को अविलंब खोला जाना चाहिए।

    कुणाल झा, युवा पुरोहित बासुकीनाथ नियमों में सख्ती बरतते हुए बासुकीनाथ मंदिर खोला जाना चाहिए। मंदिर नहीं खोला गया तो यहां के एक बड़े तबके के समक्ष भुखमरी की नौबत आ जाएगी। व्यवसायियों की हालत दिन ब दिन खास्ता होते जा रही है।

    सुंदर बाबा, मिठाई दुकानदार देश के कई राज्यों में धाíमक स्थलों को खोल दिए गए हैं। झारखंड में भी धाíमक स्थलों को जल्दी खोला जाना चाहिए। मंदिर से लाखों-करोड़ों भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है।

    सुबोधकांत झा पार्थो, पुरोहित बासुकीनाथ मन्दिर बासुकीनाथ क्षेत्र के आसपास के सैकड़ों गांवों के ग्रामीण सब्जियों की खेती करते हैं। वो बासुकीनाथ के सब्जी हाट में हाथों-हाथ बिक जाते है। मन्दिर बन्द होने से यहां के भोजनालय भी बन्द है। बाजार में वाजिब कीमत भी नही मिल रही है।

    संतोष यादव, किसान वर्जन

    देवघर एवं बासुकीनाथ मन्दिर भी जल्द खुलने चाहिए। मैं जल्द बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ मन्दिर आकर पूजा अर्चना करूंगा। क्षेत्र के लोगों के लिए श्रावणी मेला काफी महत्वपूर्ण है। श्रावणी मेला ही स्थानीय लोगों के रोजगार का मुख्य साधन है। मंदिर से जुड़े पंडा-पुरोहित, पेड़ा व्यवसायी, फूल-प्रसाद व्यवसायी, अथवा ऑटो रिक्शा चालक, बस व्यवसायी से लेकर किसान तक के लिए बासुकीनाथ व बैद्यनाथ धाम मन्दिर का खुलना अत्यंत आवश्यक है।

    डा. निशिकांत दुबे, सांसद गोड्डा लोकसभा क्षेत्र