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    बांस से तैयार सूप-डलिया की है जबरदस्त मांग

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 21 Jul 2017 05:30 PM (IST)

    बासुकीनाथ : राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव बासुकीनाथ में मिलनेवाली बांस की सूप-डलिया की भक्तों के बीच क

    बांस से तैयार सूप-डलिया की है जबरदस्त मांग

    बासुकीनाथ : राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव बासुकीनाथ में मिलनेवाली बांस की सूप-डलिया की भक्तों के बीच काफी मांग है। यहां का सूप-डलिया देश के कोने-कोने में जाता है। यहां तैयार बांस की सामग्रियां आनेवाले भक्त हाथों हाथ ले जाते हैं। बासुकीनाथ के संपूर्ण मेला क्षेत्र में दर्जनों बांस के बने सूप, डलिया, साजी, मचिया, सुहाग पेटारी की दुकानें खुल गई हैं।

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    बासुकीनाथ में दुकान लगाए सुभाष मोहली की मानें तो जहां एक ओर शादी-विवाह में अब बांस की बनी सामग्रियों की मांग में कमी आ रही है वहीं बासुकीनाथ मेला क्षेत्र में काफी मांग है। मेला में दुकान लगाए राधेश्याम मोहली, अनिल मोहली बताते हैं कि मेले में दुकान लगाने के लिए उनका पूरा परिवार सालों भर सामग्री बनाता है। बावजूद मेले में भक्तों की डिमांड पूरी नहीं कर पाते। मेले में दुकान लगाने वाले पालोजोरी के अर¨वद मोहली, भागलपुर से आए शालीग्राम साह भी सहर्ष स्वीकार करते हैं कि यहां के श्रावणी मेला में आने से वर्ष भर के जीविकोपार्जन में काफी आíथक सहायता मिलती है। जानकार बताते हैं कि श्रावणी मेला में बांस की बनी सामग्रियों का लाखों, करोड़ों में व्यवसाय होता है। श्रावणी मेला में बांस के बने सूप, डलिया, साजी, पोटरी की खूब मांग है। मेले में डलिया 70 रुपये से 300 रुपये तक, सूप 60 रुपये से लेकर 200 रुपये, पंखा 20 रुपये से 50 रुपये, साजी 20 रुपये से 300 रुपये, श्रृंगार पेटारी व सोहाग पेटारी 100 रुपये से लेकर 500 रुपये सहित बांस की दर्जनों सामग्री सहज सुलभ है।

    भक्त माया देवी, हीरा देवी, काजल देवी, शोभा देवी, ममता देवी मुख्य बाजार स्थित सूप डलिया की दूकान में बांस की सामग्री खरीदारी में व्यस्त है। पूछने पर बताती हैं कि यहां मिलने वाले सूप, डलिया, उत्कृष्ट एवं बेहतर कलाकारी के होते हैं व काफी कम कीमत में भी मिलते हैं। वह इन्हें दुर्गापूजा, दीपावली व खासकर छठ में इस्तेमाल होने के अलावा दैनिक कार्यों में इस्तेमाल के लिए ले जाते हैं। गौरतलब हो कि गरीब परिवार व श्रमिकों द्वारा निíमत इन सामग्रियों व व्यापार लाखों करोड़ों में होता है।

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    इन क्षेत्रों में तैयार किया जाता सूप-डलिया

    बासुकीनाथ के अलावा जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र में बेंगनथरा, अंबा, सहारा, समरूवा, ताराटिकर, आमगाछी सहित दर्जनों गांवों में काठीकुंड, सरैयाहाट, हंसडीहा व देवघर के सारभा, मोहनपुर आदि जगहों में मोहली व अन्य परिवार के लोग पूरे वर्ष भर इसके निर्माण में लगे रहते हैं।