शहनाज के जीवन में तलाक से छाया अंधेरा
जामाडोबा : डिगवाडीह मांझी बस्ती के रहने वाले स्व. तजफुल हुसैन की बेटी शहनाज बानो के जीवन में अंधेरा
जामाडोबा : डिगवाडीह मांझी बस्ती के रहने वाले स्व. तजफुल हुसैन की बेटी शहनाज बानो के जीवन में अंधेरा छा गया है। पति ने तीन वर्ष पहले तलाक दे दिया। अब भाई भी उसे साथ रखने को तैयार नहीं है। शहनाज का कहना है कि मुस्लिम समाज हम जैसी महिलाओं के दर्द पर मंथन करे और वक्त के साथ तलाक कानून में संशोधन करे। भाजपा सरकार की ओर से मुस्लिम महिलाओं के अधिकार को की गई पहल का शहनाज ने स्वागत किया है। शहनाज ने बताया कि वर्ष 1991 में सिजुआ में रहने वाले टाटा कर्मी अख्तर अंसारी से शादी हुई थी। तीन पुत्री एक पुत्र है। 2014 में पति ने रजिस्टर्ड पत्र भेजकर तलाक दे दिया। मारपीटकर घर से निकाल दिया। मामला न्यायालय में है। उसके बाद अपने पिता के घर आ गई। पर यहां पिता के मकान में भाई आफताब अंसारी भी हिस्सा देने को तैयार नहीं है। आए दिन वह भी मारता पीटता है। आखिर क्या करें। समझ में नहीं आ रहा। हम जैसी महिलाओं का दर्द मुस्लिम समाज के उलेमा समझें और राहत दिलाएं। तलाक कानून में वक्त के साथ संशोधन करें। कहा कि इंटर तक पढ़ी थी इसलिए अब बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर जीवन यापन कर रही हूं। इधर अख्तर अंसारी ने बताया कि शहनाज ने जीना दुश्वार कर दिया था। तब उससे तलाक पूरे नियम कानून का पालन करके लिया। हम पर बारह मुकदमे शहनाज ने कर रखे हैं। उसने हमें जेल तक भिजवा दिया था। हम लोगों का मामला कोर्ट में है वहां से न्याय जरूर मिलेगा। यह भी कहा कि बच्चे भी हमारे पास हैं और बेहतर तालीम ले रहे हैं। वे भी मां के पास नहीं जाना चाहते। जबकि शहनाज के भाई आफताब का कहना है कि मकान उसकी पत्नी के नाम है। उसमें बहन को हिस्सा कैसे दे दें। अपने रिश्तेदारों के विरोध के बावजूद बहन को घर में स्थान दिया। अब वह हमसे ही झगड़ा करती है। पुलिस में भी शिकायत करती है।
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