मातृभाषा दिवस पर हुए कई आयोजन
दुमका, जागरण प्रतिनिधि : विश्व मातृभाषा दिवस पर गुरुवार को झारखंड बंगाली समिति की ओर से केबी वाटिका में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि दिवाकर महतो ने कहा कि भाषा साहित्य किसी भी समाज का सुव्यवस्थित और सुसभ्य जीवन प्रणाली की पहचान है। मातृभाषा का विकास मां के गर्भ से ही हो जाता है। भाव का प्रकाश करने का सर्वोत्तम माध्यम मातृभाषा ही है। इसलिए गुरुदेव रविन्द्र नाथ ठाकुर ने मातृभाषा को मां के दूध के समान माना है। उन्होंने कहा कि झारखंड के बंग भाषी आज भी एक चौराहे पर खड़े हैं। झारखंड सरकार को इस ओर गंभीरता से देखने की जरुरत है। दयामय मांझी ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए मातृभाषा के अस्तित्व को बचाना ही होगा अन्यथा साहित्य, सभ्यता और संस्कृति मिट जाएगी। इसके लिए अभिभावकों को भी जागरुक व सचेत होने की आवश्यकता है। इससे पूर्व कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत सुब्रत कुमार सिंह ने उद्बोधनी संगीत से की। डा.वाणी सेन गुप्ता ने स्वागत भाषण सह प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डा.शिवानी नाहा ने विश्व मातृ भाषा दिवस पर विशेष व्यक्त दी। इसी क्रम में कई अतिथियों ने अपनी बातों को रखा। इसके उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सुमंत दत्त ने कविता आवृत्ति, राजलक्ष्मी एवं प्रिया मुखर्जी ने नृत्य, राजेश्वरी मुखर्जी, पूर्णिमा सेन, प्रियंका यादव ने नृत्य, मिलन मुखर्जी, नेहा मुखर्जी, रुबी सेन ने नृत्य, सर्वजीत मुखर्जी, अंकित सेन ने नृत्य प्रस्तुत किया। जबकि डा.प्रदीप गोराई एवं डा.शुभेंदु मंडल द्वारा संर्वधना, डा.डी.एन गोराई के द्वारा स्वरचित कविता पाठ, राजेश्वरी मुखर्जी द्वारा कविता आवृत्ति, इशिका धर एवं महिमा दास के द्वारा गीत, दोलन चांपा सेन के द्वारा गीत की प्रस्तुति की गयी। मंच का संचालन दयामय माजि ने की जबकि धन्यवाद ज्ञापन रमा बनर्जी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शांता दास, शिवराम मुखर्जी, सुनील कुमार घोष, सुशित वरण चक्रवर्ती, विमल भूषण गुहा, विजय चौधरी, स्वपन बनर्जी, अर्पिता नाग, अरविंद गण, अनामिका दास, सुलता बनर्जी, श्वेता चक्रवर्ती, जयदीप, झरना सेन, चंडी बनर्जी, निशिथ घोष, उज्जवल कांति घोष ने अहम भूमिका निभाई।
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एसोसिएशन की ओर से राज्यपाल को प्रेषित मांग
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- इंटर एवं मैट्रिक परीक्षा के मूल्यांकन में परीक्षकों को अन्य विषयों की भांति बंगला भाषा साहित्य का आदर्श उत्तर पत्र उपलब्ध कराया जाए।
- विद्यालय के पोषक क्षेत्र में दस बंग भाषी परिवार निवास करने पर उक्त विद्यालय में बंगला भाषा के पारा शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।
- झारखंड के सभी जिलों में शिक्षक योग्यता परीक्षा में बंगला भाषा के पारा शिक्षकों को नियुक्त किया जाए।
- समय पर सभी वर्ग में बंगला पाठ्यपुस्तक, प्रश्न पत्र आपूर्ति किया जाए।
- बंगला भाषा में अदालत की कार्रवाई, कार्यालय पत्राचार किया जाए। बंगला अनुवादक, पुस्तकालय सहायक की नियुक्ति की जाए।
- राज्य के सभी बीएड कालेजों में बांगला भाषा के लिए 10 फीसद तथा प्राथमिक प्रशिक्षण महाविद्यालय में 15 फीसद सीटों का आरक्षण दिया जाए।
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खबर नंबर दो
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प्रतिज्ञा दिवस के रुप में मना विश्व मातृभाषा दिवस
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फोटो फाइल नेम :
21 डीयूएम 032
मसानजोर में आयोजित प्रतिज्ञा दिवस के मौके पर मंच पर उपस्थित गण्यमान्य अतिथि
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रानीश्वर (दुमका), निप्र : सदर प्रखंड के मसानजोर स्थित सुरुचि गेस्ट हाउस परिसर में गुरुवार को काफी उत्साह के साथ विश्व मातृभाषा दिवस को प्रतिज्ञा दिवस के रुप में मनाया गया। बांगला भाषा व संस्कृति रक्षा समिति झारखंड के बैनर तले 14वीं प्रतिज्ञा दिवस के रूप संपन्न इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मसानजोड़ डैम प्रबंधन के एसडीओ पार्थो घोष, झारखंड बंगभाषी जागरण पत्रिका के संपादक श्रीराम चटोपाध्याय, पूर्व मुखिया प्रहलाद मिश्र, स्वामी प्रणवानंद सेवा मिशन के चरणानंद जी महाराज शामिल हुए और सामूहिक रूप से भाषा शहीदों की याद में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को झारखंड विकास मोर्चा के जिलाध्यक्ष पारितोष सोरेन, विकास चंद्र दास, शक्तिपद दत्त, समिति के प्रदेश सचिव जी.चटर्जी ने संबोधित किया । बैठक सह कार्यक्रम में राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भंग कराने, सिदो कान्हू मर्मू विवि के स्नातकोत्तर बंगला विभाग को मानव संसाधन विभाग से स्वीकृति दिलाने के साथ अध्यापकों के पद सृजित करने, आकाशवाणी दुमका के एफएम सेवा चालू कराकर बांगला भाषा में कार्यक्रम प्रसारित करने के साथ सभी जिलों में बांगला को क्षेत्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग की गयी है। कार्यक्रम का संचालन उदय शंकर राय ने किया है। नव कुमार घोष के धन्यवाद ज्ञापन के साथ सभा समाप्त हुई।
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