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    विश्‍व योग दिवस: धनबाद के मेडिकल कॉलेज में योगा क्लास शुरू, भारतीय चिकित्सा पद्धति का ज्ञान ले रहे मेडिकल स्टूडेंट्स

    By Deepak Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 13 Jun 2022 08:35 AM (IST)

    21 जून को विश्‍व योग दिवस मनाया जाएगा। हालांकि उससे पहले योग के क्षेत्र में बड़ी पहल हुई है। धनबाद स्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ...और पढ़ें

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    कॉलेज प्रबंधन अब अन्य चिकित्सा पद्धति को जल्द शुरू कराने की योजना पर काम कर रहा है।

    जागरण संवाददाता, धनबाद: इस वर्ष भी 21 जून को विश्‍व योग दिवस मनाया जाएगा। हालांकि उससे पहले योग के क्षेत्र में बड़ी पहल हुई है। धनबाद स्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रथम वर्ष की एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे मेडिकल स्टूडेंट को भारतीय चिकित्सा पद्धति का ज्ञान दिया जा रहा है। इसके तहत सोमवार को दूसरे दिन योगा क्लास में मेडिकल स्टूडेंट शामिल हो रहे हैं। नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) इस बार एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के सिलेबस में बदलाव किया है। इस बार मेडिकल स्टूडेंट को एलोपैथ के अलावा अन्य चिकित्सा पद्धति सोवा रिग्पा, होम्योपैथ, यूनानी, योग की वैकल्पिक शिक्षा पद्धति के तहत जानकारी रखनी होगी।

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    18 दिसंबर 2021 को सिलेबस में हुआ है बदलाव

    मेडिकल कॉलेज को पहले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया नियंत्रित करता था। केंद्रीय सरकार में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह नेशनल मेडिकल कमिशन बनाया है। इस कमीशन ने विभिन्न प्रकार के सर्वे और मंथन करने के बाद 18 दिसंबर 2021 को एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में नया बदलाव किया है। इंटर्नशिप करने वाले छात्रों को अब वैकल्पिक अनिवार्य विषय के तहत भारतीय और दूसरे जगहों के चिकित्सा पद्धति के बारे में भी जानकारी रखनी होगी। योगा क्लास के बाद कॉलेज प्रबंधन अब अन्य चिकित्सा पद्धति को जल्द शुरू कराने की योजना पर काम कर रहा है।

    प्राचार्य ने कहा- योग जीवन का आयाम

    मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्‍टर ज्योति रंजन ने बताया कि योग और प्राणायाम भारतीय चिकित्सा पद्धति के मूल में शामिल हैं। विभिन्न प्रकार के शोध और निष्कर्षों से यह पता चला है योग जीवन का आयाम है। योग मन को शांति प्रदान करता है। मानसिक स्थिति को मजबूत करता है। विभिन्न प्रकार के अवसाद और तनाव से मुक्ति दिलाता है। यही वजह है कि योग को आत्मसात कर रहे हैं। ऐसे में मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए यह न केवल जानने का अवसर है, बल्कि फंडामेंटल कोर्स में अब पढ़ाई का भी हिस्सा बन गया है। 10 दिन का कोर्स मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य किया गया है।